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अयोध्या से मुख्यमंत्री योगी का चुनाव लड़ना तय

उत्तरप्रदेश  के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ। का अयोध्या से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। टीम योगी अयोध्या में सक्रिय है और चुनाव कार्यालय के लिए बेहतर स्थान की तलाश भी हो रही है। देवकाली के पास एक पैलेस को इसके लिए लगभग चुन लिया गया है। योगी के इस दांव से टिकट के दावेदार मौन हो गए हैं।

मुख्यमंत्री  का पद संभालने के तुरंत बाद से अयोध्या और राम के प्रति जैसी प्रतिबद्धता योगी ने दिखाई। वैसी प्रतिबद्धता राम मंदिर के लिए पद गंवाने वाले कल्याण सिंह सरीखे नेता भी नहीं दिखा सके। वह 5 साल के कार्यकाल में अयोध्या 42 बार आए। योगी को अयोध्या से चुनाव लड़ा कर भाजपा चुनाव को हिंदुत्व के मुद्दे पर ध्रुवीकरण की दिशा में ले जाने के प्रयास में भी है। पार्टी आने वाले दिनों में अपनी राजनीति का भी संकेत देना चाहती है, क्योंकि योगी अपनी हिन्दू युवा वाहिनी से ऐसा ही संदेश और संकेत देते रहे हैं। वह उग्र हिंदुत्व की छवि वाले नेता भी हैं।

मुख्यमंत्री  पद की शपथ लेते ही पहुंचे मंदिर

ऐसा नहीं है कि यह कयास अकारण लगाया जा रहा है। योगी मुख्यमंत्री  पद की शपथ लेने के तुरंत बाद सीधे अयोध्या पहुंचे थे। उन्होंने यहां दीपोत्सव में रिकॉर्ड दीप प्रज्ज्वलित करा पहले साल से ही अयोध्या के विकास की रूपरेखा बनानी प्रारंभ कर दी थी। राम की पैड़ी को दुरुस्त कराने के साथ ही, उन्होंने राम जन्मभूमि पर फैसले को लेकर चल रही ऊहापोह के बीच कोदंड राम की भव्य और ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा कर यह संकेत दे दिया था। न्यायालय का निर्णय जो भी आए, अयोध्या में राम सर्वोपरि रहेंगे।

आचार संहिता लागू होने के ठीक 1 दिन पहले अयोध्या में बड़ा कार्यक्रम

अयोध्या के विकास का जो खाका उन्होंने तैयार कराया, वह जब आकार लेगा तब अयोध्या का स्वरूप ही बदल जाएगा।मुख्यमंत्री  ने यहां आयुर्वेदिक महाविद्यालय की नींव रख दी है। नव्य अयोध्या, भव्य अयोध्या के साथ ही अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है।

अयोध्या रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और सड़कों के चौड़ीकरण, चौतरफा 6 लेन और 4 लेन के राष्ट्रीय राजमार्गों के शिलान्यास हाल ही में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कर गए हैं। योगी ने आचार संहिता लागू होने के ठीक 1 दिन पहले पुनः अयोध्या में बड़ा कार्यक्रम कर टैबलेट और लैपटॉप वितरण का किया। इसी कार्यक्रम में उन्होंने अयोध्या की कई विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया, जिसमें आवासीय योजना भी सम्मिलित है।

अयोध्या योगी के लिए पहले दिन से प्रिय रही है

प्रारंभ से ही अयोध्या भाजपा के लिए हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने का माध्यम रही है। उसे जो राजनीतिक सफलता इस मुद्दे पर मिली, वह अभूतपूर्व रही है। श्री राम जन्म भूमि पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने से पहले तक अयोध्या से सभी राजनीतिक दल परहेज करते थे। यहां आने से कतराते थे, वह अयोध्या योगी के लिए पहले दिन से प्रिय रही है। उनके दल भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में राम मंदिर का मुद्दा अहम रहा। अयोध्या के नाम पर ही भाजपा हिंदुत्व के मुद्दे को धार देती रही।

 

 

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