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कही-सुनी (28 AUG 22) : भाजपा के आदिवासी नेता नाखुश

कहते हैं भाजपा के कुछ बड़े आदिवासी नेता पार्टी की ओबीसी राजनीति से नाखुश हैं। भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के पद पर ओबीसी नेता की नियुक्ति कर राजनीति की धारा को आदिवासी से मोड़कर ओबीसी की तरफ कर दिया है। भाजपा ने राज्य बनने के बाद 2002 में पहली बार साहू समाज के ताराचंद साहू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद अब साहू समाज से अरुण साव को अध्यक्ष बनाया है।

रवि भोई की कलम से


कहते हैं भाजपा के कुछ बड़े आदिवासी नेता पार्टी की ओबीसी राजनीति से नाखुश हैं। भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के पद पर ओबीसी नेता की नियुक्ति कर राजनीति की धारा को आदिवासी से मोड़कर ओबीसी की तरफ कर दिया है। भाजपा ने राज्य बनने के बाद 2002 में पहली बार साहू समाज के ताराचंद साहू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद अब साहू समाज से अरुण साव को अध्यक्ष बनाया है। वैसे भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 14 साहू उम्मीदवार खड़े किए थे, जिनमें से धमतरी से रंजना साहू ही विजयी रहीं। डॉ. रमनसिंह के बाद पार्टी ने आदिवासी नेताओं को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया। धरमलाल कौशिक को नेता प्रतिपक्ष बनाने के बाद भी भाजपा ने आदिवासी नेता विक्रम उसेंडी और विष्णुदेव साय पर दांव लगाया। भाजपा ने कांग्रेस की तरफ से 2023 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ही चेहरा मानकर अरुण साव को कमान सौंपी है। लेकिन भाजपा के आदिवासी नेता पार्टी के फैसले को ख़ुशी से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। राज्य में अनुसूचित जनजाति की आरक्षित 29 सीटें हैं। माना जाता है कि करीब 10 सीटों पर उनका सीधा प्रभाव होता है।

भाजपा में अब जिलों में होगा बदलाव

कहते हैं भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को बदलने के बाद अब जिलों में बदलाव होगा। चर्चा है कि इसके लिए हर जिले में पर्यवेक्षक भेजे गए हैं। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया जाएगा। माना जा रहा है कि अगले महीने से बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कहा जा रहा है कुछ जिलों में पार्टी के नेताओं ने संगठन को जेबी संगठन जैसा बना लिया है। अपने पसंद का कोई व्यक्ति नहीं मिला तो पद को खाली छोड़ दिया है या फिर अपने जाति-वर्ग और समर्थकों को ही सारे पद दे दिए हैं, जिससे कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। एक जिला ऐसा है जहां पिता जिला अध्यक्ष और पुत्र भाजयुमो में पदाधिकारी है। भाजपा 2023 में लक्ष्य साधने के लिए संगठन की विसंगतियों को दूर करने के लिए जमीनी बदलाव पर जोर दे रही है।

कुछ कलेक्टर आयकर विभाग के राडार में

चर्चा है कि छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों के कलेक्टर और कुछ आईएएस आयकर विभाग के राडार में आ गए हैं। कहा जा रहा है कि कुछ आईएएस अफसरों को आयकर विभाग का नोटिस भी मिला है। नोटिस के बाद कुछ अफसरों ने विभाग को कागजात सौंपे हैं। कहा जा रहा है कि कुछ महीनों से छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग की टीम सक्रिय है। इसमें स्थानीय अफसरों की जगह अन्य राज्यों में तैनात अफसरों की सेवाएं ली जा रही है। आयकर विभाग ने पिछले दिनों कुछ कपडा और सराफा कारोबारियों के यहां छापा मारा था।

कौन होगा स्वास्थ्य सचिव और संचालक ?

चर्चा है कि प्रसन्ना आर स्वास्थ्य सचिव और भीमसिंह संचालक स्वास्थ्य हो सकते हैं। उम्मीद है कि नए स्वास्थ्य सचिव और संचालक के आदेश जल्द जारी हो जाएंगे। कहा जा रहा है कि प्रसन्ना आर और भीमसिंह दोनों ही टीएस सिंहदेव के क्षेत्र अंबिकापुर में कलेक्टर रह चुके हैं। प्रसन्ना आर पंचायत सचिव के तौर पर टीएस सिंहदेव के साथ सीधे काम कर चुके हैं। भीमसिंह जीएसटी कमिश्नर के रूप में अभी टीएस सिंहदेव के साथ काम कर रहे हैं। माना जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग में टीएस सिंहदेव की पसंद के अफसरों की पोस्टिंग हो सकती है।

निगम -मंडल अध्यक्ष टिकट की दौड़ में

कहते हैं कुछ निगम -मंडल अध्यक्ष 2023 के विधानसभा में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए वे अपने विधानसभा क्षेत्र का लगातार दौरा कर रहे हैं। कहा जा रहा है जहां कांग्रेस के विधायक नहीं हैं और जिन विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों की टिकट कटने की संभावना हैं, उस इलाके के रहने वाले निगम -मंडल अध्यक्ष ज्यादा सक्रिय बताए जाते हैं। बताया जाता है कि कुछ निगम -मंडल अध्यक्ष कई सालों से कांग्रेस की टिकट की दौड़ में हैं, पर ऐनवक्त पर उनका पत्ता कट जाता है। अब देखते हैं इस बार क्या होता है ? माना जा रहा है कि 2023 की जंग जीतने के लिए कांग्रेस कई चेहरे बदलने की सोच रही है। बदलाव में पुराने खिलाडियों का शायद नंबर लग जाय। अब किस्मत को कौन जानता है।

छत्तीसगढ़ में अडाणी समूह के बढ़ते कदम

पिछले दिनों जांजगीर-चांपा जिले में स्थित डीबी पावर प्लांट को खरीदने के साथ ही अडाणी समूह का छत्तीसगढ़ के सीमेंट और पावर सेक्टर में दबदबा कायम हो गया है। अडाणी समूह ने 2017 में रायगढ़ स्थित कोरबा वेस्ट और 2019 में तिल्दा में स्थापित जीएमआर पावर प्लांट को ख़रीदा था। अब डीबी पावर प्लांट को खरीद लिया है। कहते हैं डीबी पावर प्लांट के ट्रांसफर की प्रक्रिया इस साल अक्टूबर-नवंबर तक पूरी हो जाएगी। कुछ महीने पहले अडाणी समूह ने एसीसी और अंबुजा सीमेंट के शेयर खरीदकर अपना प्रभुत्व जमा लिया है। छत्तीसगढ़ में एसीसी और अंबुजा सीमेंट की बाजार हिस्सेदारी अच्छा ख़ासा है। अडाणी समूह छत्तीसगढ़ में कोयले के क्षेत्र में परोक्ष रूप से काम कर रहा है ,लेकिन पावर और सीमेंट सेक्टर में उसकी सीधी भागीदारी है।

छत्तीसगढ़ में अब एनआईए का दफ्तर भी

छत्तीसगढ़ में केँद्रीय जाँच एजेंसी सीबीआई, ईडी के बाद अब एनआईए का दफ्तर भी खुल गया है। एनआईए के कार्यालय का उद्घाटन 27 अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया। छत्तीसगढ़ नक्सल प्रभावित राज्य है, ऐसे में एनआईए के कार्यालय की जरुरत महसूस की जा रही थी। राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने प्रदेश में सीबीआई को प्रतिबंधित कर रखा है, लेकिन कार्यालय चल रहा है। सीबीआई का दफ्तर पहले भिलाई में था। अब रायपुर शिफ्ट हो गया है। अब देखते हैं दफ्तर शुरू होने के बाद एनआईए पेंडिग और नई जांच को कैसे निपटाती है।

अंकित, भारतीदासन और एलेक्स केंद्र में इंपैनल

भारत सरकार में संयुक्त सचिव की पोस्टिंग के लिए 2006 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के तीन आईएएस अफसर को इंपैनल किया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने केंद्र सरकार में नियुक्ति के लिए 2006 बैच के 55 अफसरों के नाम को हरी झंडी दी है। इसमें छत्तीसगढ़ कैडर के अंकित आनंद, डॉ. एस. भारतीदासन और एलेक्स पाल मेनन हैं। राज्य में 2006 बैच के सात अधिकारी हैं। इनमें एलेक्स पाल मेनन और श्रुति सिंह प्रतिनियुक्ति पर हैं।


(-लेखक, पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

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