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छत्तीसगढ़ में अब थाने के ‘शांति कक्ष’ में सुलझेंगे पति-पत्नी के झगड़े

कवर्धा। अब पति-पत्नी के झगड़े थाने के शांति कक्ष में सुलझेंगे। इतना ही नहीं पुलिस शिकायत लेकर आने पर पहले तो दोनों पक्षों को मेडिटेशन कराएगी, जिससे उनका मन शांत हो। फिर दोनों की दलील सुनी जाएगी। मकसद है इससे परिणाम अच्छे आएंगे। ऐसी पहल छत्तीसगढ़ में पहली बार की गई है। प्रदेश के कवर्धा में इस शांति कक्ष का शुभारंभ किया गया है।दरअसल, पुराना पुलिस लाइन में स्थित महिला सेल में एक कमरे को शांति कक्ष बना दिया गया है। इसका शुभारंभ जिले के एसपी डॉ. लाल उमेंद सिंह ने किया है। इस कक्ष को शुरू करने के पीछे मकसद है यहां शांति से पति-पत्नी के झगड़े को सुलझाया जा सके। अगर संभव हो तो दोनों के बीच से विवाद को खत्म किया जा सके। यही वजह है कि कक्ष में नीचे बैठने की व्यवस्था की गई है। कमरे में कपूर जलाया जाएगा। मन को शांत करने, ध्यान करने धीमी आवाज में योग करने वाले गीत बजेंगे।

5 सालों में आये 1119 मामले

बताया गया है कि जब दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के पहले बुलाया जाएगा, तब उनसे मेडिटेशन करवाया जाएगा। इसके बाद दोनों को सुना जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला सेल में पति-पत्नी के झगड़े के मामले आते हैं। कई बार दोनों गुस्से में होते हैं। गुस्से में रहने के कारण दोनों अपनी बात रखने के बाद अलग हो जाते हैं। इन्हीं गुस्से और झगड़े के कारण परिवार टूट जाता है, जो गलत है। इसी वजह से इस कक्ष का गठन किया गया है। ये सब करने से फायदा ये हो सकता है कि काउंसलिंग के पहले दोनों पक्ष शांति से अपनी बात रख सकेंगे। 5 साल में आए एक हजार से ज्यादा मामले वहीं अगर जिले में इस तरह के मामलों की बात की जाए तो पिछले 5 सालों में 1119 ऐसे मामले महिला सेल में आ चुके हैं। सबसे ज्यादा शिकायत 2018 में हुई थी। इनमें से 636 मामलों में समझौता हो चुका है। 211 मामले कोर्ट में चल रहे हैं। 216 मामलों में कार्रवाई हुई है। इसके अलावा कुल 56 मामले अब भी लंबित हैं।

महिला सेल क्या है?

महिला सेल क्या है? महिला सेल में पति-पत्नी के बीच झगड़े के मामले आते हैं। इस सेल को क्राइम अगेंस्ट विमेन सेल भी कहा जाता है। इस सेल का काम काम पति पत्नी के बीच में खराब रिश्तों को सेटलमेंट करवाना है, उनको ठीक करना होता है। ज्यादातर मामलों में दोनों के बीच सेटलमेंट कराने का प्रयास किया जाता है। कोशिश होती है कि काउंसलिंग करवाकर दोनों के रिश्तों को ठीक किया जा सके। अगर फिर भी बात नहीं बनती है तो फिर आरोपियों के खिलाफ थाने में केस दर्जा कराने का काम महिला सेल करती है।

 

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