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भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटालो का मास्टर माइंड हरमीत सिंह खनुजा का एक ओर जमीन घोटाला उच्चस्तरीय जांच से आया सामने


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R.O. No. 13250/31

0ग्राम सेवा समिति की पंडरीतराई स्थित 1,79,467 वर्गफीट बेशकीमती भूमि को राजस्व रिकार्ड में कुटरचना कर चढ़वाया अपने नाम



0जांच समिति के रिपोर्ट पर आयुक्त रायपुर संभाग ने तत्कालीन तहसीलदार मनीष देव साहू व पंडरीतराई के पटवारी विरेन्द्र झा को पाया दोषी निलंबन व विभागीय जांच के आदेश

रायपुर।भारतमाला मुआवजा घोटाले में जेल में बंद हरमीत सिंह खनुजा उर्फ राजु सरदार का एक ओर बड़ा घोटाला सामने आया है जिसमें पंडरीतराई में ग्राम सेवा समिति को 25 करोड़ की बेशकिमती 1,79.467 वर्गफीट जमीन को 60 वर्ष पुरानी रजिस्ट्री व कुटरचित हक त्याग पत्र निर्मित कर उसे असल बताकर तत्कालीन तहसीलदार मनीष देव साहू से साठगांठ कर हरमीत सिंह खनुजा द्वारा नामांतरण आदेश दिनांक 15.02.2023 प्राप्त किया गया और कथित 60 वर्ष पुराने विकय पत्र दिनांक 20.01.1965 के आधार पर रविन्द्र अग्रवाल च जितेन्द्र अग्रवाल सहित 10 लोगों के नाम खसरा नंबर 299/1क में चढ़ाने आदेश पारित करवा लिया गया .

जबकि उक्त भूमि की रजिस्ट्री दिनांक 20.01.1965 के विक्रेता लखनलाल, शत्रुहन लाल, कभी भी खसरा नंबर 299/1क रकबा 4.12 एकड़ के मालिक नहीं रहे और न राजस्व राजस्व अभिलेख में उनका नाम दर्ज था चूंकि राजस्व अभिलखों में अभिलिखित विक्रेता का नाम नहीं था फिर भी हल्का पटवारी पंडरीतराई विरेन्द्र कुमार झा द्वारा ग्राम सेवा समिति की भूमि खसरा नंबर 267, 268, 269, 270, 271, 272 273, 274, 275, 276, 281, 282, 283, 298. 299/1क, 299/1घ, 299/1छ, 299/2, 300/1 के परिवर्तित संधारण शीट प्लाट नंबर 1 एवं 2 के बीच कुटरचना कर प्लाट नंबर 1/2 रकबा अवैध रूप से दर्ज कर 12 लोगो का नाम चढ़वा दिया गया, नाम चढ़वाने के पश्चात हरमीत सिंह खनुजा द्वारा दिनांक 07.03.2023 को एक कुटरचित हक त्याग पत्र तैयार किया गया, जिससे पंजीकृत बताया गया जबकि वह पंजीकृत नहीं था बल्कि कुटरचित था उक्त कुटरचित हक त्याग पत्र के आधार पर रविन्द्र अग्रवाल का नाम छोड़कर एक दर्जन भाई-बहनों का नाम अवैध रूप से राजस्व अभिलेखों से तत्कालीन तहसीलदार मनीष देव साहू द्वारा काटने अर्थात अभिलेख से विलोपित का आदेश जारी कर दिया, पटवारी झा ने तत्परता से आदेश का पालन बड़ी रकम ले कर दिया गया, शेष बच्चे एक खातेदार को 20 प्रतिशत भूमि का पार्टनर बनाकर भू-माफिया हरमीत सिंह खनुजा पुरी 80 प्रतिशत जमीन अपनी फर्म दशमेश रियल इन्वेस्टर के पार्टनर बनकर अपने एवं भाईयों के नाम पर रजिस्टर्ड करवा नियम विरूद्ध एक ही दिन में तहसीलदार से दर्ज करवा ली गई, इस पुरे फर्जीवाड़ा का शिकायत ग्राम सेवा समिति रायपुर जिसकी करोड़ों की जमीन का फर्जीवाड़ा हुआ था के मंत्री अजय तिवारी द्वारा संभाग आयुक्त महादेव कावरे को दिनांक 16.08.2024 को की गई जिस पर संभाग आयुक्त ने तीन सदस्यीय जांच समिति जिसमें संभाग उपायुक्त श्रीमती ज्योति सिंह, अध्यक्ष, अपर कलेक्टर निधि साहू एवं अनुविभागीय अधिकारी रायपुर  नंदकुमार चौबे को सदस्य नियुक्त कर जांच समिति गठन कर जांच का आदेश दिया आदेश पश्चात जांच समिति ने लगातार आठ महिने तक सुक्ष्म जांच कर जांच प्रतिवेदन संभागायुक्त के समक्ष दिनांक 02.05.2025 को प्रस्तुत की गई जिसमें तत्कालीन तहसीलदार मनीष देव साहू को दोषी मानते हुए निष्कर्ष दिया कि प्राप्त शिकायत के सबंध में संयुक्त जांच समिति द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज एवं अनावेदकों द्वारा प्रस्तुत जवाबों का अवलोकन एवं सूक्ष्म परिशीलन किया गया। संलग्न बैनामा अनुसार अनावेदक रविन्द्र अग्रवाल के पिता बृज भूषण लाल अग्रवाल के द्वारा ग्राम-पंडरीतराई प.ह.न. 109 स्थित भूमि कुल खसरा 45 जुमला रकबा 8.00 एकड़ भूमि विक्रेता लखनलाल वल्द रामदुलारे एवं अन्य तीन से पंजीकृत विकय पत्र दिनांक 20/01/1965 द्वारा कय किया गया है। पंजीकृत बैनामा की छायाप्रति के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि कुल खसरा 45 में से खसरा नं. 299/1 का कितना भाग रकबा कय किया गया है। बैनामा में स्पष्ट उल्लेख नहीं है, फिर भी तत्कालीन तहसीलदार रायपुर द्वारा फौती नामांतरण प्रकरण में अपने आदेश में विधिविरूद्ध यह मान लिया है कि खसरा नं. 299/1 क का आधा हिस्सा कुल 4.12 एकड़ का विक्रय बृजभूषण अग्रवाल पिता रामस्वरूप अग्रवाल ने विकय विलेख से कय किया है जबकि राजस्व अभिलेख में वाद भूमि कभी भी न तो विक्रेता के नाम पर दर्ज रही, न ही केता के नाम पर दर्ज रही है न ही विचाराधीन विक्रय विलेख में वाद भूमि के रकबे का उल्लेख है।

वादभूमि के संबंध में पूर्व में नामांतरण पंजी दाखिला कमांक 18 दर्ज प्रविष्टि दिनांक 20/12/2007 में प्रमाणीकरण आदेश दिनांक 31/01/2008 को कलेक्टर रायपुर के प्रकरण कमांक 05/4-121/वर्ष 2008-09 में पारित आदेश दिनांक 29/11/2008 एवं 10/05/2010 के अनुसार निरस्त किया गया है। संहिता की धारा-109 के अनुसार जो व्यक्ति विधिक स्वत्व धारण करता है, वही व्यक्ति अपने स्वत्व का अंतरण कर सकता है जबकि प्रश्नाधीन भूमि कभी भी विक्रेता के नाम पर दर्ज नहीं रही है। ऐसी स्थिति में तत्कालीन तहसीलदार रायपुर श्री मनीष देव साहू द्वारा फौती नामांतरण प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश से परे जाकर मनमाना फौती नामांतरण आदेश पारित किया गया है जो कि त्रुटिपूर्ण एवं विधि विरूद्ध है।जांच समिति ने तत्कालीन तहसीलदार मनीष देव साहू को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 11.11.2022 के परिपालन में प्रश्नाधीन नामांतरण किये जाने का उल्लेख किया है जबकि, माननीय उच्च न्यायालय के आदेश में नामांतरण किये जाने का कोई निर्देश नहीं है। अर्थात मनीष देव द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश का भी उल्लंघन होना समिति ने माना हैं। पंडरीतराई पटवारी विरेन्द्र कुमार झा को राजस्व अभिलेख में कुटरचना का दोषी मानते हुए जांच समिति ने निष्कर्ष दिया गया कि तत्कालीन तहसीलदार रायपुर मनीष देव साहू द्वारा अपने आदेश दिनांक 15.02.2023 में विक्रेता अभिलिखित भूमि स्वामी का नाम विलोपित कर अनावेदकगण रविन्द्र अग्रवाल वगैरह के नाम पर खसरा नंबर 299/1 क का रकबा 4.12 एकड़ दर्ज करने का आदेश पारित किया गया था किन्तु राजस्व अभिलेख में विकेता लखन लाल वगैरह का नाम दर्ज नहीं होने से हल्का पटवारी ग्राम पंडरीतराई विरेन्द्र कुमार झा ने विधि विरूद्ध तरीके से आवेदक, ग्राम सेवा समिति के राजस्व अभिलेख परिवर्तित संचारण खसरा के शीट नंबर 28 के प्लाट नंबर 1 एवं 2 के बीच अवैध रूप से प्लाट नंबर 1/2 निर्मित कर अनावेदक रविन्द्रअग्रवाल सहित उसके परिवार के कुल 12 सदस्यों के नाम पर, 1,79,467 वर्गफीट भूमि अपनी अधिकारिता से परे जाकर दर्ज कर दिया गया है, जो कि अपने पद का दुरूपयोग है।

अत: प्रकरण में आये सभी तथ्यों से यह स्पष्ट है कि तत्कालीन तहसीलदार रायपुर मनीष देव साहू एवं ग्राम पंडरी के पटवारी वीरेन्द्र कुमार झा के द्वारा किया गया उपरोक्त कृत्य विधि अनुरूप नहीं है। जांच समिति द्वारा जांच रिपोर्ट आयुक्त रायपुर संभाग, रायपुर को सौंपे जाने पर संभाग आयुक्त महोदव कावरे द्वारा मनीष देव साहू व पटवारी विरेन्द्र कुमार झा दोषी पाते हुए पटवारी झा को निलंबन करने का आदेश कलेक्टर को देते हुए उपायुक्त रायपुर संभाग श्री जोशी को तत्कालीन तहसीलदार मनीष देव साहू को शोकास नोटिस देकर निलंबन करने का आदेश दिया गया है। ग्राम सेवा समिति रायपुर के अध्यक्ष डॉ. सुरेश शुक्ला व मंत्री अजय तिवारी नें आयुक्त के आदेशानुसार तहसीलदार मनीष देव साहू व पटवारी विरेन्द्र कुमार झा को तत्काल निलंबित करने कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

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