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अचला एकादशी आज : व्रत के साथ करें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना

अचला एकादशी को अपरा एकादशी भी कहते हैं. ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में अचला एकादशी का व्रत रखा जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभरात काल में श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को अचला एकादशी का व्रत रखने की सलाह दी थी और कहा था कि उन्हें भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और माता लक्ष्मी की इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. माना जाता है कि अचला एकादशी (Achala Ekadashi) का व्रत रखने पर मनुष्य के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और जीवन सुखमय बनता है.

अचला एकादशी तिथि और पूजा विधि ज्येष्ठ माह में 15 मई के दिन अचला एकादशी का व्रत (Ekadashi Vrat) रखा जाएगा. इस एकादशी व्रत को रखने का विशेष महत्व होता है. मान्यतानुसार जो भक्त अचला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं उन्हें संसार के सभी सुखों की प्राप्ति होती है और माता लक्ष्मी की आराधना करने पर धन-वैभव से जीवन समृद्ध हो जाता है.

0 अचला एकादशी के दिन सुबह उठकर निवृत्त होकर स्नान किया जाता है. इसके पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं.

0 भक्त इस दिन भगवान विष्णु के प्रिय रंग यानी पीले रंग के वस्त्र पहने हैं. ऐसा करना शुभ माना जाता है.

0 इसके पश्चात भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा (Lakshmi Puja) के लिए मंदिर को साफ करते हैं.

0 पूजा में फूल,अक्षत, धूप, दीप, अगरबत्ती और फल आदि का इस्तेमाल किया जाता है. इसके बाद सच्चे मन के साथ मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आरती की जाती है.

पूजा में अचला एकादशी व्रत कथा पढ़ते हैं. इसके बाद भोग लगाकर और प्रसाद का वितरण कर पूजा संपन्न की जाती है.

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