रायपुर – हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है हिंदू धर्म में मकर संक्रांति को विशेष माना गया है ज्योतिष में भी इस दिन को विशेष माना जाता है मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में आते हैं इस दिन से ही दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं सूर्यदेवता के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही मांगलिक कार्य भी आरंभ हो जाते हैं जब सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं तो इसे संक्रांति कहा जाता है सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है सूर्य जब धनु राशि से मकर में प्रवेश करते हैं तब यह घटना सूर्य की मकर संक्रांति कहलाती है मकर संक्रांति को ही सूर्य देवता दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं।
पंचांग के अनुसार खरमास बीते 14 दिसंबर 2023 मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से आरंभ हुआ जो आज यानी मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी 2023 को पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर समाप्त हो जाएगा। सूर्य देवता के मकर में प्रवेश करने के साथ ही एक माह से चला आ रहा खरमास भी समाप्त हो जाता हैं।
मकर संक्रांति का पुण्य काल
ज्योतिष अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल या शुभ मुहूर्त सूर्य के संक्रांति समय से 16 घंटे पहले और 16 घटी बाद का पुण्यकाल माना जाता है 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर सूर्यदेव की पूजा सुबह 8 बजकर 43 मिनट के बाद प्रारंभ कर सकते हैं इस दिन शुक्ल योग दोपहर 1 बजकर 36 मिनट तक है और उसके बाद ब्रह्म योग आरंभ होगा। इस दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 9 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक बना हुआ हैं।
मकर संक्रांति का त्योहार इस बार शुक्रवार के दिन पड़ा है शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी का प्रिय दिन माना जाता है इस दिन घरों में लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती हैं मकर संक्रांति के दिन सुबह स्नान करके सबसे पहले शुभ मुहूर्त में 14 कौड़ियों को लेकर उसे दूध से धो लें। इसके बाद कौड़ियों को गंगाजल से स्नान कराएं। और इन्हें पूजा वाले स्थान पर रखें। इसके बाद पूजा मां लक्ष्मी की पूजा करने के बाद इनकी पूजा करें फिर से धन रखने वाले स्थान पर रख दें। ऐसा करने से सालों साल धन में वृद्धि होती हैं और किसी भी चीज़ की कमी नहीं रहती हैं देवी मां का आशीर्वाद भी प्राप्त होता हैं।