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भारत रत्न देने की कब हुई शुरुआत, क्या है इसे देने की प्रक्रिया,जाने यहाँ

नई दिल्ली। भारत सरकार ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न (Bharat Ratna Award) से सम्मानित करने का ऐलान किया है। पीएम मोदी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि, लालकृष्ण आडवाणी ( LK Advani) हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं। भारत के विकास में उनका अनोखा योगदान रहा है। उन्होंने उप प्रधानमंत्री रहते हुए देश की सेवा की। भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह देश के किसी भी व्यक्ति, जाति क्षेत्र या व्यवसाय के क्षेत्र में दिया जा सकता है। भारत रत्न दिए जाने की शुरुआत 2 जनवरी साल 1954 से हुई थी।

भारत रत्न देने की आखिर प्रक्रिया क्या है?  और किसे भारत रत्न दिया जा सकता है। यह सवाल हर किसी के मन में है। तो चलिए आपको बताते हैं कि भारत रत्न देने की प्रक्रिया क्या है?

भारत रत्न पुरस्कार किसी औपचारिक नामांकन प्रक्रिया के अधीन नहीं है। देश के प्रधानमंत्री किसी भी व्यक्ति को पुरस्कार के लिए नामित कर सकते हैं। इसके अलावा मंत्रिमंडल के सदस्य राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री को किसी के नाम की सिफारिश भेज सकते हैं। इन सिफारिश पर प्रधानमंत्री ऑफिस में विचार विमर्श होता है और अंत में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद उसे व्यक्ति को सम्मानित किया जाता है।हर साल भारत रत्न अधिकतम तीन लोगों को दिया जा सकता है।

भारत रत्न से सम्मानित लोगों को क्या-क्या मिलता है?

भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को एक मेडल और उसके साथ में प्रमाण पत्र दिया जाता है। यह मेडल पीपल के पत्ते जैसा दिखता है।जो शुद्ध तांबे का बना होता है। यह 5.8 सेमी लंबा, 4.7 सेमी चौड़ा और 3.1 मिमी मोटा होता है।मेडल पर नीचे चांदी से हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है, जबकि पीछे अशोक स्तंभ और सत्यमेव जयते लिखा होता है। हालांकि भारत रत्न पाने वाले व्यक्ति को किसी तरह की आर्थिक सम्मान नहीं किया जाता है।  लेकिन कुछ राज्य सरकारें सम्मान पाने वाले व्यक्ति को अपनी मर्जी से वित्तीय सहायता देने की पहल करती हैं।

भारत रत्न पाने वाले को मिलती हैं यह खास सुविधाएं

भारत रत्न पाने वाला व्यक्ति देश का vip होता है। उसे सरकारी संस्थानों में विभिन्न तरह की सुविधा मिलती हैं। जैसे रेलवे की ओर से फ्री यात्रा, राज्य में राजकीय अतिथि का दर्जा, सरकारी कार्यक्रमों में का न्योता, वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में जगह दी जाती है।

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