प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन पूरे मन से शिव जी की पूजा करने से जीवन के सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है। आज 7 फरवरी 2024 बुधवार के दिन माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष का व्रत रखा जाएगा। तो आइए जानते हैं, प्रदोष व्रत के शुभ मूहुर्त और पूजा विधि के बारे में।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 7 फरवरी 2024 को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट पर होगी। वहीं त्रयोदशी तिथि की समाप्ति 8 फरवरी को सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर होगी। आज शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 41 मिनट के बीच में होगा।
क्यों रखा जाता है प्रदोष व्रत
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब चंद्रमा को श्राप मिलने के कारण क्षय रोग हो गया था। तब चंद्रमा की इस पीड़ा के निवारण के लिए भगवान शिव ने उन्हें क्षय रोग से मुक्ति दिलाई थी। उस दिन त्रयोदशी तिथि थी। भगवान शिव की कृपा से चंद्रमा क्षय रोग से मुक्त हो गए थे इसलिए त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भोलेनाथ की अराधना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष वाले दिन स्नान करने के बाद साफ और स्वच्छ कपड़े पहनें। शिव जी की आराधना करके व्रत का संकल्प लें। इसके बाद घर के मंदिर की साफ-सफाई करके गंगा जल का छिड़काव करें और शिव जी के आगे घी का दीपक जलाएं।
फिर शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर सफेद चंदन का लेप लगाएं। बेलपत्र, दूध, धतूरा, भांग, शमी के पत्ते, शहद, भस्म और शक्कर आदि अर्पित करें। शिव चालीसा या शिव मंत्रों का जाप करें। अंत में प्रदोष व्रत कथा करें और अपनी भूल-चूक के लिए माफी मांगे। इसके बाद शिव जी की आरती करें। पूजा पूरी होने के बाद शिव जी को खीर का भोग लगाएं और प्रसाद बांटे।