प्रयागराज। लाख कोशिशों के बाद भी वसंत पंचमी के बाद से ध्वस्त हुई शहर की यातायात व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी। वाराणसी और मिर्जापुर हाईवे पर शनिवार को पांच-पांच किमी तक वाहनों की कतार लग गई। हाईवे से शहर में आने वाले प्रमुख मार्ग दिन में कई-कई बार पूरी तरह से चोक हो गए। वहीं, लोगों को मिनटों के सफर के लिए कई घंटे इंतजार करना पड़ा। इसके अलावा अंतर जनपदीय डायवर्जन प्वाइंटों से लेकर जनपदीय सीमाओं पर भी वाहनाें की कतार लगी।
बस्ती की अमरदीप शुक्ला सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। शनिवार सुबह 10 बजे के करीब वह महेवा से पैदल ही पत्नी, मां व कुछ पड़ोसियोें के साथ आते मिले। बताया कि उन्होंने अरैल में दो कॉटेज बुक किए हैं और उन्हें शुक्रवार को ही पहुंचना था। जाम में पूरा दिन कट गया। शनिवार सुबह वह महेवा पहुंचे और पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर पैदल ही अरैल के लिए चल दिए।
अमन केशरवानी निवासी मऊ, चित्रकूट भी कॉटन मिल तिराहे के पास परिवार संग जाम में फंसे मिले। बताया कि दो घंटे का रास्ता था और सुबह चार बजे घर से निकले। 9:30 बज गए लेकिन, अभी नए पुल तक नहीं पहुंच पाए हैं। शनिवार को सैकड़ोें लोग भीषण जाम में फंसे रहे। हाल यह रहा कि वाराणसी व मिर्जापुर हाईवे पर सुबह ही पांच-पांच किमी का जाम लग गया। नैनी में नए यमुना पुल से लेकर सरगम चौराहे तक तो झूंसी में शास्त्री ब्रिज से लेकर अंदावा तक वाहनाें की कतार लगी रही।
लेप्रोसी चौराहा हुआ चोक, आननफानन में खोला गया रास्तादोपहर 12 बजे के करीब लेप्रोसी चौराहा चोक हो गया। पुराने यमुना पुल पर भी भीषण जाम रहा। नए पुल पर वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया था, ऐसे में चौराहा पूरी तरह से चोक हो गया। करीब एक घंटे तक वाहन जहां के तहां खड़े रहे। बाद में अफसरों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दो पहिया वाहनों के लिए बैरिकेडिंग हटा दी और तब जाकर स्थिति थोड़ी सामान्य हो सकी।
कारण
– नए पुल पर सुबह वाहनों का आवागमन रोका जाना
– चार पहिया वाहनों का बड़ी संख्या में शहर में प्रवेश
– शटल बसों का मुख्य मार्गों पर जहां-तहां खड़ा होना
– बैरिकेडिंग प्वाइंटों पर लगे पुलिसकर्मियों का स्थिति के अनुसार निर्णय न लेना
श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ के चलते नए पुल पर वाहनों का आवागमन रोका गया था। दोपहर में स्थिति को देखते हुए दोपहिया वाहनों को आगे जाने की अनुमति दी गई। – अजयपाल शर्मा, नोडल महाकुंभ कमिश्नरेट
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को भीषण जाम का सामना करना पड़ रहा है। संगम से 10 से 15 किलोमीटर पहले से ही वाहन रेंग रहे हैं। पास धारक वाहनों को भी प्रवेश नहीं मिल रहा है। आलम यह है एंबुलेंस और मजिस्ट्रेट से लेकर जजों के वाहन भी जाम में फंस गए हैं। इसको लेकर फाफामऊ, नैनी और इंडियन प्रेस चौराहा सहित कई जगहों पर यात्रियों की पुलिसकर्मियों से तीखी नोकझोंक हुई। फाफामऊ में एक महामंडलेश्वर अपने कई वाहनों के साथ जाम में फंसे थे।
घंटों से वाहन के आगे न बढ़ने पर उनके साथ चल रहे संतों की पुलिस से कहासुनी हो गई। संतों ने पुलिस की बैरिकेडिंग को जबरन हटा दिया। इसी तरह शहर के लाउदर रोड, अमरनाथ झा मार्ग, इंडियन प्रेस चौराहा, बालसन चौराहा, एसआरएन मोड़, अंदावां, झूंसी, नैनी मिर्जापुर रोड और रीवा रोड पर वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। आठ से दस घंटे जाम झेलने के बाद श्रद्धालु संगम पहुंच रहे हैं।
लोग पुलिस और प्रशासन की ट्रैफिक व्यवस्था को कोसते नजर आ रहे हैं। नैनी में तकरीबन पांच किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। इसी तरह फाफामऊ, नैनी और अंदावा में भी कई किलोमीटर लंबे जाम में लोग फंसे हैं। बड़े वाहनों की बात तो दूर साइकिल और बाइक सवार भी जाम में फंसकर बेहाल हैं। पुलिस प्रशासन के प्रति लोगों में गहरा आक्रोश रहा। अंदावां में जाम में फंसे गाजीपुर से आए सुरेश चंद्र त्रिवेदी ने बताया कि पुलिस यदि हर सड़क से बैरिकेडिंड हटा दे तो जाम खुद ब खुद समाप्त हो जाएगा।
हर मार्ग पर पुलिस ने अवरोधक लगा दिया है, जहां कोई जरूरत नहीं है वहां पर भी बैरिकेडिंग लगा दी गई है। इसी तरह नए यमुना ब्रिज पर जाम में फंसे सीवान मध्य प्रदेश से आए रघुनाथ प्रसाद चौबे ने बताया कि वह सुबह छह बजे नैनी जंक्शन पर ट्रेन से उतरे हैं और दोपहर दो बजे तक संगम नहीं पहुंच सके हैं।