रायपुर। विष्णुदेव साय सरकार का पहला बजट वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने शुक्रवार को विधानसभा में पेश किया। 1 लाख 47 हजार 500 करोड़ के इस बजट में कुछ ऐसी बाते भी है जिनपर अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया है। इनमें भूपेश सरकार की महत्वकांशी योजनाओ में से एक गोधन न्याय योजना का नाम भी शामिल है, माना जा रहा है कि नई सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया है। इस योजना को लेकर कोई घोषणा तो नहीं की गई लेकिन वित्त मंत्री ने इस योजना के माध्यम से हुए भ्रष्टाचार को लेकर पूर्ववर्ती सरकार पर खूब हमला बोला। उन्होंने सदन में कहा- ”अध्यक्ष महोदय, भारी मन से मुझे कहना पड़ रहा है कि पिछले 5 वर्षो में हमारे छत्तीसगढ़ की पिछली सरकार ने इन चारों समूहों के साथ अन्याय किया है। न केवल गरीबों के छत के अधिकार को छीना गया, यूरिया- डी.ए.पी में काला बाजारी, 2 रुपये में गोबर खरीदकर गुणवत्ता विहीन कम्पोस्ट खाद के नाम पर जबरन 10 रुपये में बेचना। किसानों के संदर्भ में, मैं किन-किन लूटों की बात करूं ? क्या क्या बताया जाए ? अध्यक्ष महोदय, माताओं-बहनों को इन्होंने 500 रूपये प्रतिमाह अर्थात् साल का 6000 रुपये देने का वादा किया था, मगर किसी को 06 रूपये तक नहीं मिला।” वित्त मंत्री के इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे है की इस योजना को ठंडे बस्ते में डालने का निर्णय साय सरकार ने ले लिया है।