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Phulera Dooj 2025 Date : फुलेरा दूज कब है, जानें तारीख और महत्व

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फुलेरा दूज भगवान कृष्ण और राधा रानी को समर्पित पर्व है। इस दिन पूरे ब्रज में फूलों की होली खेलने की परंपरा है। इस साल फुलेरा दूज 1 मार्च, शनिवार को है। फुलेरा दूज का पर्व फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष के दौरान दूसरे दिन (द्वितीया तिथि) पर मनाया जाता है। ब्रज में, खासकर मथुरा में फुलेरा दूज का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। आइए, पंचांग के अनुसार जानते हैं फुलेरा दूज की तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व।



पंचाग के अनुसार फुलेरा दूज कब है
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 01 मार्च को रात्रि 03 बजकर 16 मिनट से हो रही है। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 02 मार्च को रात्रि 12 बजकर 09 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए फुलेरा दूज पर्व 01 मार्च को मनाया जाएगा।

फुलेरा दूज का महत्व
फुलेरा दूज वसंत के आगमन का उत्सव है। यह दिन कृष्ण भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है। फुलेरा दूज पर ब्रज में एक-दूसरे पर फूलों की होली खेलकर खुशियां मनाते हैं। फुलेरा दूज पर ब्रज में भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी पर फूल बरसाए जाते हैं और माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है। फुलेरा दूज पर मिठाइयां और प्रसाद भी बांटी जाती है। फुलेरा दूज इसलिए मनाई जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने फूलों की होली खेली थी। यह त्यौहार ब्रज में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और चारों तरफ खुशी का माहौल होता है।

फुलेरा दूज शुभ मुहूर्त
अमृत काल – सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 07 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक

फुलेरा दूज पर होती हैं बड़ी संख्या में शादियां
फुलेरा दूज को विवाह का अबूझ मुहूर्त कहा जाता है। इस दिन बड़ी संख्या में विवाह होते हैं। फुलेरा दूज वसंत के आगमन का उत्सव है। साथ ही फुलेरा दूज को इसलिए भी विशेष माना जाता है क्योंकि फुलेरा दूज को सर्दी की आखिरी शादी का दिन भी कहा जाता है।

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