नई दिल्ली / रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इतिहास रचते हुए न केवल 20 लाख करोड़ रुपये मार्केट कैप वाली पहली इंडियन कंपनी बनी बल्कि इसने अपने धैर्यवान निवेशकों (investors) को मालामाल भी किया है। अगर किसी निवेशक ने अगस्त 2005 में आरआईएल के शेयर (share) में केवल 10000 रुपये लगाए होंगे तो उसकी यह रकम आज बढ़कर 2.20 लाख रुपये हो गई है।
रिलायंस का सफर
आरआईएल का सफर भारतीय शेयर मार्केट से निकटता से जुड़ी हुई है। इस कंपनी को 1966 में धीरूभाई अंबानी ने एक छोटे टेक्सटाइल्स मैन्युफैक्चरर के रूप में शुरू की। आरआईएल ने 1977 में अपने आईपीओ के साथ भारत में इक्विटी कल्चर की शुरुआत की। कंपनी पेट्रोकेमिकल्स, ऑयल एंड गैस, रिटेल, टेलीकॉम और फइनेंशियल सर्विसेज के क्षेत्र में उतरती गई और एक बड़े समूह में बदल गई। इससे शेयरधारक करोड़पति बन गए।
ढाई साल में ही 5 लाख करोड़ की छलांग
रिलायंस का मार्केट कैप पहली बार 2 अगस्त 2005 को एक लाख करोड़ पर पहुंचा था। इसी दिन बीएसई भी 20 लाख करोड़ के मार्केट कैप को पार किया था। जुलाई 2017 में 5 लाख करोड़, नवंबर 2019 में 10 लाख करोड़, सितंबर 2021 में 15 लाख करोड़ और 13 फरवरी 2024 को मुकेश अंबानी की इस कंपनी ने 20 लाख करोड़ का भी आंकड़ा छू लिया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज शेयर प्राइस हिस्ट्री
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों ने अबतक 5420 फीसद का रिटर्न दिया है। 5 जुलाई 2002 को रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक शेयर का मूल्य महज 53.01 रुपये था, जो 13 फरवरी 2024 तक आते-आते 2926.20 रुपये पर पहुंच गया। तब से अब तक इसमें पैसा लगाकर धैर्य रखने वाले निवेशक मालामाल हो गए। 5 अगस्त 2005 को यह शेयर 146.12 रुपये पर पहुंच गया। 30 मई 2014 को यह स्टॉक 546 रुपये का था। इसका 52 हफ्ते का हाई 2958 रुपये है, जो मंगलवार को ही बनाया। जबकि, लो 2180 रुपये है।