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पूर्व डिप्टी सीएम का भाजपा पर किए तीखे वार: सिंहदेव ने कहा-कुनकुरी में सत्ता की हार, पीएम इस्तीफा दें, कांग्रेस हाईकमान से मिली हर जिम्मेदारी निभाऊंगा

 



बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस संगठन में बदलाव की चर्चा तेज हो गई है। इस बीच, पूर्व डिप्टी सीएम ​टीएस सिंहदेव ने भाजपा सरकार पर तीखे वार के साथ अपनी जिम्मेदारी पर खुलकर बात की। बिलासपुर में सिंहदेव ने कहा कि लोकल चुनाव पर सरकार का प्रभाव रहता है, लेकिन भाजपा सरकार को समझना होगा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा में ही सत्ता की हार हुई है। लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही प्रधानमंत्री हिन्दुत्व को मुद्दा बना लेते हैं। प्रधानमंत्री अप्रवासी भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। इस दौरान सिंहदेव ने 13 महीने की साय सरकार को 10 में से 4 अंक दिया। उन्होने कहा कि मजबूरी है जीरो अंक दे नहीं सकता हूं। इसके साथ उन्होंने कांग्रेस में अपनी भूमिका पर कहा कि यदि हाईकमान ने प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी दी तो उसका निर्वहन करूंगा।

डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव अलग होता है। स्थानीय चुनाव का मुद्दा अलग होता है। लोकल चुनाव पर सरकार का बड़ा प्रभाव होता है। यह सच है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आकलन के विपरीत परिणाम मिले है। उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव में चार-पांच सीट मिलेगी। लेकिन दुर्भाग्य से एक ही सीट मिली। स्थानीक चुनाव में सरकार की भूमिका होती है। निकाय चुनाव में टीएस सिंहदेव, भूपेश बघेल समेत बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार किया। इसके बावजूद करारी हार मिली। इस पर टीएस ने कहा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा की हार और कांग्रेस पार्टी को जीत मिली है। यह सही है कि भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र में तीन निकायों में हार मिली। सरगुजा में भी कांग्रेस की हार हुई है।

कांगेस संगठन में बदलाव पर टीएस सिंहदेव ने बताया कि फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं मिल रहा है। सिंहदेव ने कहा कि चरमदास महंत ने ऐसा कुछ नहीं कहा है, उन्होंने पत्रकारों को बताया कि टीएस सिंहदेव समेत पार्टी के बड़े नेताओं के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन मीडिया ने दूसरा ही रूप दे दिया कि टीएस सिंहदेव की अगुवाई में चुनाव लड़ेंगे। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है चरणदास महंत ने वही कहा जो कांग्रेस की रीति नीति है। हम सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।

इस दौरान सिंहदेव ने कहा कि फैसला हाई कमान को करना होता है। हमारे कहने से कुछ नहीं होना है। क्या प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए तैयार है। टीएस सिंह देने कहा की आज तक संगठन से जो भी जिम्मेदारी मिली है उसे निभाया है। निश्चित रूप से जिम्मेदारी मिलेगी तो अपनी भूमिका का निर्वहन करूंगा। टीएस सिंहदेव ने बताया कि लोकसभा के दौरान प्रधानमंत्री का प्रचार प्रसार का केन्द्र हिन्दुत्व हो जाता है। चाहे राम मंदिर हो या केरल का हनुमान मंदिर का मामला। चुनाव के समय आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व की भावनाओं को लेकर सक्रिय हो जाते हैं। आजादी के समय जो उन्होने जो मंसूबे बनाये थे..धीरे धीरे उसे अब साकार किया जा रहा है।

अभी राष्ट्रीय राजनीति से दूर
राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका पर सिंहदेव ने कहा कि चुनाव हारने के बाद फैसला किया था कि आगामी चुनाव में पहले अपना बूथ फिर विधानसभा देखूंगा। सरगुजा के 14 विधानसभा क्षेत्रों को देखूंगा। लोकसभा क्षेत्र देखूंगा..फिर छत्तीसगढ़ के लिए काम करूंगा। फिलहाल राष्ट्रीय राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है।

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