लॉस एंजिल्स। भारत के बाद अमेरिका चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव में उतरने में कामयाब हुआ है। 50 से अधिक वर्ष के बाद अमेरिका चंद्र की सतह पर उतरा है। हालांकि यह कारनामा निजी कंपनी इंटुएटिव मशीन्स ने किया है। कंपनी का यह पहला चंद्र लैंडर है। बता दें कि दिसंबर 1972 में अमेरिकी यान अपोलो 17 चंद्रमा की सतह पर उतरा था। नासा के अनुसार, ओडीसियस नाम का बिना चालक दल वाला लैंडर गुरुवार शाम 6:23 बजे (न्यूयॉर्क समयानुसार) चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। रिपोर्ट के मुताबिक, नासा ने इस मिशन के लिए लगभग 118 मिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया था। मिशन की सफलता के बाद नासा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, ‘आपका आर्डर चंद्रमा पर पहुंचा दिया गया!’ अंतरिक्ष यान को पिछले सप्ताह गुरुवार को फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया था।
मिशन का क्या है उद्देश्य
मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह के साथ प्लम-सतह इंटरैक्शन, रेडियो खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष मौसम इंटरैक्शन का अध्ययन करना है। नासा के अनुसार, यह सटीक लैंडिंग प्रौद्योगिकियों और संचार और नेविगेशन नोड क्षमताओं का भी प्रदर्शन करेगा। बता दें कि रूस जैसा देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड नहीं कर पाया है। पिछले साल प्रयास किया था, जिसमें वह असफल रहा। जबकि भारत ने पिछले साल अगस्त में चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लैंडिंग की कराई थी।