गरियाबंद। साय सरकार का दूसरा आम बजट पेश होते ही जनता और विशेषज्ञों की राय आना चालू हो गयी है वही काँग्रेस नेता हरमेश चावड़ा ने कहा कि बजट को लेकर जनता में निराशा का माहौल देखने को मिला। बजट का पूरा खाका यह संकेत दे रहा है कि सरकार एक बार फिर ऋण लेने की तैयारी में है, लेकिन जनता को राहत देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
बजट में क्या है खास और क्या है गायब?
1. किसानों के लिए कोई नई योजना नहीं – कृषि क्षेत्र को इस बजट में पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है। किसानों को राहत देने के लिए किसी भी तरह की ठोस योजना नहीं बनाई गई है।
2. बेरोजगारों के लिए कोई समाधान नहीं – युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों का अभाव है। कोई नई योजना नहीं लाई गई, जिससे बेरोजगारी की समस्या और गंभीर हो सकती है।
3. महंगाई से राहत के कोई संकेत नहीं – महंगाई कम करने को लेकर सरकार की गंभीरता इस बजट में कहीं नजर नहीं आई। जनता को राहत देने के लिए कोई नई पहल नहीं की गई है।
4. 500 रुपये में गैस सिलेंडर का वादा अधूरा – चुनाव पूर्व सरकार ने जो 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने का वादा किया था, उसके लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
5. ऋण पर निर्भरता बढ़ेगी – बजट के आकार से स्पष्ट हो रहा है कि सरकार एक बार फिर ऋण लेने की योजना बना रही है, जिससे आने वाले समय में वित्तीय असंतुलन बढ़ सकता है।
गाँव, गरीब और किसान सरकार की प्राथमिकता से बाहर?
यह बजट ग्रामीण भारत, गरीब तबके और किसानों के लिए किसी भी प्रकार की राहत देने में असफल रहा है। सरकार का ध्यान विकास कार्यों से हटकर अन्य क्षेत्रों में अधिक केंद्रित दिख रहा है।