० चार किलोमीटर तक नाचेंगे भूत-पिशाच
गरियाबंद। गरियाबंद में महाशिवरात्रि उत्सव का उत्साह अभी से दिखने लगा है। दिखे भी क्यों न! यहां विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग (भूतेश्वरनाथ) जो है। इस पर लोगों की अगाध आस्था है। शहर के युवाओं ने इस साल की महाशिवरात्रि को खास बनाने अलग तरह की तैयारियां की हैं। ये पहला मौका होगा जब गरियाबंद से भूतेश्वरनाथ तक उज्जैन की तर्ज पर महाकाल की शाही पालकी निकाली जाएगी। साथ में भगवान की बारात भी रहेगी।
मान्यता है कि महादेव की जब शादी हुई थी तो भूत-पिशाच उनकी ओर से बाराती बनकर माता पार्वती को लाने गए थे। ऐसे में युवाओं की टोली भूत-पिशाच की पोशाक पहनकर इस दृश्य को जीवंत करने की कोशिश करेगी। ये आयोजन महादेव सेना की ओर से किया गया है। सेना के उत्तम सोनी और हीरेंद्र साहू ने बताया कि गरियाबंद के जिस सुभाष नगर से यह पालकी निकलेगी, वहां से भूतेश्वरनाथ की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है। कह सकते हैं कि भोले की बारात में इस पूरे रास्ते भूत-पिशाच नाचते नजर आएंगे। बारात में सनातनी शौर्य का भी प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए कस के बजरंग अखाड़ा दल को खासतौर पर गरियाबंद बुलाया गया है। यहां वे हरतअंगेज करतब दिखाकर लोगों का मनोरंजन करेंगे। इसके अलावा धुमाल और राउत नाचा भी आकर्षण का केंद्र रहेगा। चूंकि यह यात्रा 4 किलोमीटर की रहेगी। ऐसे में यात्रा में शामिल होने वाले भक्तजनों की सुविधा के लिए युवाओं की एक टीम बनाई गई है जो रास्तेभर कोल्ड ड्रिंक, शरबत पिलाने का काम करेगी।
नई परंपरा पहली बार भक्तों को दर्शन देने खुद आएंगे भगवान
सदियों से ये होता रहा है कि महाशिवरात्रि या दूसरे खास मौकों पर भूतेश्वरनाथ के दर्शन करने भक्त मरोदा जाते हैं। लेकिन, इस महाशिवरात्रि भूतेश्वरनाथ अपने भक्तों को दर्शन देने खुद गरियाबंद आएंगे। चैंक गए! समझाते हैं। शहर में युवाओं की एक और टोली है जिसने इस महाशिवरात्रि को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी की है। ये भी उज्जैन की तर्ज पर पालकी निकालेंगे। लेकिन, गरियाबंद से भूतेवरनाथ के लिए नहीं। बल्कि, भूतेश्वरनाथ से गरियाबंद के लिए। इस पालकी में भगवान दूल्हे के रूप में नजर आएंगे। बोल बम सेवा समिति ने इसका आयोजन किया है। समिति के यश मिश्रा बताते हैं, पालकी को कंधा देने एक टाइम पर 4 लोगों की जरूरत पड़ेगी। यात्रा मरौदा से निकलकर गरियाबंद के कई इलाकों में जाएगी। ऐसे में पालकी को कंधा देने के लिए 30 से 40 युवाओं की टीम साथ-साथ चलेगी। कार्यक्रम को सफल बनाने प दानेंद्र चैहान, अभिषेक तिवारी, विकास पांडेय, आशीष सिन्हा, मानव निर्मलकर, चिराग ठाकुर, प्रियांशु तिवारी, प्रशांत राठौर, विकास यदु, शानू निकेश सिन्हा के अलावा शहर की कई समितियां भी योगदान दे रहीं हैं।
4 मंदिरों में जाएगी पालकीरू मरोदा से निकलकर पालकी पहले गौरव पथ में हनुमान मंदिर के पास रूकेगी। यहां भगवान की पूजा-अर्चना के बाद पालकी को सिविल लाइन के रामजानकी मंदिर, फिर गायत्री मंदिर ले जाया जाएगा। दोनों जगहों पर भगवान को नारियल चढ़ाने के बाद बाबा भूतेश्वरनाथ तिरंगा चैक पहुंचेंगे। यहां बाबा की भव्य आरती उतारी जाएगी। इसके बाद पालकी सुभाष नगर, बजरंग चैक होते हुए कचहरी के शिव मंदिर पहुंचेगी। यहां भी महादेव की विधिवत पूजा-आराधना की जाएगी। फिर बाबा की पालकी को गाड़ी के जरिए वापस भूतेश्वरनाथ ले जाया जाएगा। यात्रा के दौरान जगह-जगह पुष्पवर्षा से भगवान और भक्तों का स्वागत किया जाएगा।
बाबा की सुरक्षा में बाउंसररू पालकी चूंकि उज्जैन की तर्ज पर निकल रही है, इसलिए सुरक्षा इंतजाम उसी तरह करने की कोशिश है। उज्जैन में भगवान को जेड प्लस सिक्यूरिटी मिली है। सरकारी अनुमति के बिना ये संभव नहीं तो युवाओं ने दूसरा रास्ता खोज निकाला। पालकी की सुरक्षा के लिए 6 बाउंसर हायर कर लिए। पालकी अलग-अलग इलाकों से गुजरे तो लोग घरों से निकलकर आरती उतारें, इसका प्रचार एक महीने पहले ही शुरू होगया था। यश ने उज्जैन के सिंगर नितिन भगवान, श्री खाटू श्याम के भक्ति भजनों से मशहूर धरनी धर, फिल्म डायरेक्टर प्रकाश अवस्थी और सिंगर कंचन जोशी से सोशल मीडिया पर इस बारे में अपील भी कराई है।
300 साल बाद दुर्लभ संयोगों की शिवरात्रि
दुर्लभ संयोगों ने इस शिवरात्रि को और भी खास बना दिया है। रायपुर से ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे बताते हैं, करीब 300 साल बाद इस महाशिवरात्रि शिव के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग पड़ रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग जहां सभी मनोकामनाओं को पूरी करने वाला है, तो शिव योग ध्यान व मंत्र जाप के लिए उत्तम है। इसी दिन शुक्र प्रदोष भी है। शुक्र प्रदोष की ये महत्ता है कि इसके शुभ प्रभाव से नौकरी, बिजनेस में कामयाबी मिलती है। सुख-समृद्धि बढ़ती है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को सूर्योदय से देर रात 12.46 बजे तक शिव योग, सुबह 6.38 से सुबह 10.41 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। वैदिक पंचांग के मुताबिक, महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग पडना सर्वाधिक शुभ संयोग है.। इसी दिन श्रवण नक्षत्र का अद्भुत संयोग भी है। सिद्धि योग में महाशिवरात्रि व्रत का पारणा 9 मार्च को होगा।