Close

संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिले महामंडलेश्वर वैराग्यानंद गिरी महाराज

० मुलाकात पर बोले मिर्ची बाबा, भागवत खुद एक बड़े संत, मिलने में कोई हर्ज नहीं, वह देश की रीढ़

भोपाल। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज “मिर्ची बाबा” ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत से सौजन्य मुलाकात की। मुलाकात के दौरान मिर्ची बाबा ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को दुर्गा सप्तशती की पुस्तक भेंट की। इस मुलाकात में संघ प्रमुख श्री भागवत से मिर्ची बाबा ने राष्ट्र निर्माण निर्माण और सनातन धर्म के हितार्थ बहुत से मामलों पर विस्तृत चर्चा की। चर्चा के बाद मिर्ची बाबा ने कहा कि मोहन भागवत स्वयं एक बड़े संत हैं। उनसे मुलाकात करने में कोई हर्ज नहीं है। वाह इस देश की रीढ़ है, बल्कि देश का हर सनातनी उन्हें रीढ़ मानता है। आज हमारे समाज का बौद्धिक स्तर गिरता चला जा रहा है।यह बहुत चिंता का विषय है। हम सुविधाएं दे देंगे, विविध प्रकार की भोग सामग्रियां दे देंगे, पर उनके हृदय की मलीनता है, हिंसात्मक प्रवृत्ति है, अपवित्र बुद्धि है…ये जब तक ठीक नहीं होगी, तब चीजें नहीं बदलेंगी। भागवत जी से कुछ इन्हीं मुद्दों पर हमारी चर्चा हुई है कि किस तरह सनातन धर्म को आगे बढ़ाना है।पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज “मिर्ची बाबा” की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत से मुलाकात के बाद से उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा हैं कि कि जल्द ही वह किसी बड़ी जिम्मेदारी ले साथ प्रदेश के सियासत में भागीदारी करते हुए नजर आयेंगे।

शिवराज और नरोत्तम से हो चुकी है भेंट 

संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के पूर्व पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनके निवास पर मिल चुके हैं। इस मुलाकात में पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान से मिर्ची बाबा ने चाय पर सियासी चर्चा की थी। इसके पूर्व भी पूर्व भी मिर्ची बाबा गृहमंत्री डा नरोत्तम मिश्रा से उनके निवास पर मुलाकात कर चुके हैं। यहां भी बंद कमरे में मिर्ची बाबा ने उनसे सियासी गुफ्तगू की थी। पहले शिवराज सिंह चौहान फिर डा नरोत्तम मिश्रा के बाद अब संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिर्ची बाबा की मुलाकात के बाद सियासी बाजार गर्म है। राजनीतिक हलकों में इसके सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं।

scroll to top