गरियाबंद।स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन मंत्रालय के आदेश 28 फरवरी 2024 के तहत स्कूलो में शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने व विभागीय राजनैतिक सेटिंग व्यवस्था के तहत विभिन्न ग़ैर शैक्षणिक कार्यों में संलग्न शिक्षकों को उनके मूलपदस्थापना भेजने कलेक्टर/ जिला शिक्षा अधिकारियों के नाम से स्पष्ट आदेश जारी किया गया है .
इस आदेश को कैसे ठेंगा दिखाकर नीचे के कार्यालय कार्य करते है,इसका ताज़ा उदाहरण संचालनालय रायपुर से जारी 6 मार्च 2024 के आदेश जिसमें तत्कालीन जिला परियोजना अधिकारी श्याम चंद्राकर व्याख्याता को विभागीय योजनाओं के सही क्रियान्वयन न करते विभिन्न स्तर पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप के बाद निलंबित किया गया था,ये कार्यवाही पूरी हुए बिना ही बहाल करते मंत्रालयीन आदेश की धज्जियाँ उड़ा दिया गया,वही उनके ऊपर खेलगढ़िया में भ्रष्टाचार की जांच अभी चल ही रहा है।इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि निलंबन के 90 के भीतर बहाली के लिए विभागीय कार्यवाही पूरी करनी होती है या माननीय न्यायालय के आदेशों के परिपालन के आधार पर बहाली होती है।लेकिन श्याम चंद्राकर के मामले में न तो कोर्ट का कोई आदेश निर्देश है न ही मंत्रालय से इस संबंध में कोई बहाली हेतु आदेश/नोटशीट से चला इस मामले में संचालक को इस प्रकरण में ऐसा क्या दिखा कि सीधा बहाली करते एक शिक्षक को ग़ैरशैक्षणिक कार्य हेतु जिला शिक्षा अधिकारी कार्यलय में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ कर उपकृत कर दिया गयाl
इस बारे में यह बात ध्यान देने वाली है की संबंधित का निलंबन जिला शिक्षा कार्यालय के अधीन कार्यालय में कार्य के दौरान किया गया था। ऐसे में संबंधित श्री चंद्राकर कि बहाली उसी कार्यालय के अंदर न किया जाकर कही अन्य स्थान में करना चाहिए थाlश्याम चंद्राकर को ग़ैर शैक्षणिक पद सहायक संचालक के ऑफ़ पर पदस्थापना होने बाद भी संबंधित के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही चलती रहेगीl श्याम चंद्राकर जिनके ऊपर लगातार कार्य में लापरवाही का छप्पा तो लगता रहा है,वे पूर्व शासन के भी चहेता रहे है,वही शासन इस शासन में भी अपना पटरी बिठा लिए है उसी के चलते उन पर ये मेहरबानियां किया जा रहा है।