रायपुर। महादेव एप मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के नाम पर एफआईआर दर्ज की गई है. अब इस एफआईआर को लेकर भूपेश बघेल का बयान सामने आया है.उन्होंने पत्रकारवार्ता के जरिए अपनी बात कही है। उन्होंने कहा एक बार फिर छत्तीसगढ़ की सियासत में महादेव एप का जिन्न बाहर आया है. उनका कहना है कि लोकसभा की चुनाव डेट घोषित हो चुकी है, राजनांदगांव से कांग्रेस ने मुझे प्रत्याशी बनाया है. यह चर्चा मीडिया में पहले से ही शुरू हो गई थी. इसी बीच में महादेव एप का जिन्न बाहर आया. EOW ने केस दर्ज किया है, जिसमें मेरा भी नाम है.4 मार्च की एफआईआर की कॉपी है और आज 17 मार्च को प्रकाशित किया गया. इतने दिनों तक यह क्या कर रहे थे? यह राजनीतिक एफआईआर है. दबावपूर्वक मेरा नाम एफआईआर में डाला गया.
आगे पूर्व सीएम बघेल ने कहा, महादेव एप से सब परिचित हैं. सरकार में रहते हुए 2022 में हमने पहली एफआईआर दर्ज की थी. 450 से अधिक गिरफ्तारियां हुई थी. 2022 में ही जुआं अधिनियम था, उसे कड़ा बनाने बिल लाकर पारित भी किया और लागू किया गया. महादेव एप में व्यापक पैमाने में छत्तीसगढ़ में कार्रवाई हुई.1 हजार से अधिक खाते सीज किया गया. हमने रवि उत्पल और सौरभ चंद्राकर के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया, लेकिन केंद्र सरकार ने गिरफ्तारी नहीं की. बीच में अचानक शुभम चंद्राकर की एंट्री होती है, उसका बीजेपी कार्यालय से एक वीडियो जारी होता है. असीम दास के पास जिस गाड़ी से पैसा पकड़ा जाता है वो बीजेपी नेता के रिश्तेदार की गाड़ी है. विधानसभा अध्यक्ष के साथ असीम दास की फोटो है.
आगे भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा, मोदी की गारंटी और विष्णुदेव के सुशासन पर महादेव एप साय-साय चल रहा है. एफआईआर में छठवें नंबर में मेरा नाम लिखा गया. साथ ही साथ महादेव प्रमोटरों के नाम भी लिखे गए हैं. 6 वे नंबर पर नाम जरूर दर्ज है, लेकिन पीछे के कॉलम में मेरा नाम का जिक्र कहीं भी नहीं किया गया है. राजनीतिक प्रतिशोध निकाला जा रहा है.
भूपेश बघेल ने ये भी कहा कि बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा देने वाला सट्टेबाज ही हैं. फ्यूचर गेमिंग होटल सर्विस ने चुनावी चंदा दिया है. महादेव एप के संचालकों को नहीं पकड़ा जा रहा है. कहीं कोई लेन-देन तो नहीं? राजनांदगांव का चुनाव बीजेपी हार चुकी है. बदनाम करने के लिए इस प्रकार की चीजें लाई गई. भारतीय जनता पार्टी को इसका नुकसान पूरे प्रदेश में होगा.