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राजभवन में धूमधाम से मनाया गया गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों का स्थापना दिवस

विविधता में एकता की भावना हमारे देश को महान बनाती है-राज्यपाल श्री बिश्व भूषण हरिचंदन
रायपुर-राजभवन में आज महाराष्ट्र और गुजरात राज्यो का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया । राज्यपाल श्री बिश्व भूषण हरिचंदन ने इस अवसर पर कहा की विशाल मतभेदों के बावजूद हम एक राष्ट्र के रूप में एकजुट रहें है। विविधता में एकता की भावना हमारे देश को महान बनाती है। केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत”  कार्यक्रम के तहत विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य एक दूसरे का स्थापना दिवस मनाएगें। इसी कड़ी में राजभवन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें छत्तीसगढ़ में निवास करने वाले गुजराती और महाराष्ट्रªªीयन समाज के लोगों ने उत्साहः पूर्वक हिस्सा लिया। राज्यपाल ने स्थापना दिवस के अवसर पर सभी को बधाई दी ।उन्होंने  कहा की गुजरात पश्चिमी भारत का गहना है। यह व्यापार और वाणिज्य का सबसे बड़ा केन्द्र है और  देश का पाचवां सबसे बडा़ राज्य है। राज्य ने सदियों से अपने प्राचीन इतिहास , संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित रखा है। महाराष्ट्रªª दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है और भारत की जीडीपी में 14 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ भारत की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा  योगदानकर्ता है। यह भारत के सबसे बड़े औद्योगिक राज्यों में से एक है।राज्यपाल ने कहा की छत्तीसगढ़ के विकास में महाराष्ट्रीयन और गुजराती समुदाय के लोगों का भी विशेष योगदान रहा है। ये समाज शिक्षा , चिकित्सा, व्यवसाय, उद्योग और सेवा क्षेत्र में अग्रणी रहे है। इन समाजों के कार्यो से अन्य समाज के लोगों को भी प्रेरणा मिली है।  उन्होंने छत्तीसगढ़ में महाराष्ट्र मंण्डल के कार्याे की सराहना की। छत्तीसगढ़ में गणेशोत्सव , नव रत्रि पर्व के दौरान गरबा  उत्सव, मकर संक्राति में पंतग उत्सव, इन समाजों की देन है ।इन पर्वोें में छत्तीसगढ़ के गांव से लेकर शहर तक के बच्चे, युवा, महिलायें उत्साह से  हिस्सा लेते है।
कोविड के समय भी दोनों समाजों ने आगे आकर मदद की। अनेकता में एकता और सामाजिक समरसता की भावना छत्तीसगढ़ में बखूबी प्रकट होती है। राज्यपाल ने आश व्यक्त की कि गुजराती और महाराष्ट्रीयन समाज छत्तीसगढ़ के साथ -साथ भारत की प्रगति में योगदान देते रहेगें।

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