अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पूरे दुनिया में अस्पतालों और प्राइवेट चेंबर्स में काम करने वाली नर्सों के योगदान का सम्मान करने के लिए एक खास दिन है. हर साल इसे 12 मई को फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती पर मनाया जाता है. इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज (ICN) की तरफ से इस खास दिन को चुना गया था और 1974 से आधिकारिक रूप से इसे मनाया जा रहा है. फ्लोरेंस नाइटिंगेल (Florence Nightingale) एक ब्रिटिश नर्स और समाज सुधारक थी, जिन्होंने हेल्थ के क्षेत्र में सुधार के लिए अपनी जिंदगी समर्पित कर दी थी. आइए नर्स डे के महत्व और इतिहास को जानते हैं, साथ ही इस साल के थीम के बारे में भी हम यहां बता रहे हैं.
नर्स डे का इतिहास
साल 1965 से इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स (ICN) इस दिन को मनाती आ रही हैं. इसके बाद जनवरी 1974 में 12 मई को ऑफिशियल तरीके से ‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस’ की घोषणा कर दी गई, क्योंकि इसी डेट पर फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था, जिन्हें आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक माना जाता है.
अंतरराष्ट्रीय नर्स डे 2023 की थीम
इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स (ICN) ने साल 2023 के लिए अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस 2023 की थीम की घोषणा कर दी है. ‘आवर नर्सेस, आवर फ्यूचर’ (Our Nurses, Our Future) यानी ‘हमारी नर्सें, हमारा भविष्य’ इस साल का थीम है. इस थीम के जरिए ये संदेश देने की कोशिश की जाएगी कि वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने और वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए ICN भविष्य में नर्सिंग के लिए क्या चाहता है.
अंतरराष्ट्रीय नर्स डे का महत्व
अस्पतालों में मरीज का इलाज भले ही डॉक्टर करते हैं, लेकिन उनकी देखभाल की जिम्मेदारी नर्सेस पर होती है. कोरोना महामारी के समय में दुनिया भर में नर्सेस ने सराहनीय काम किया था. अपनी जान की परवाह किए बिना, अपनों से दूर होकर नर्सों ने महामारी से पीड़ित मरीजों की सेवा की थी. मेडिकल फील्ड में नर्सेस के इस अहमियत पर जोर देने और उनका आभार जताने के लिए इस खास दिन को मनाया जाता है.