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आज का इतिहास 18 मई : ऑपरेशन ‘स्माइलिंग बुद्धा’ को दिया गया था अंजाम, जानें आज का दिलचस्प इतिहास

18 मई की तारीख भारत की सुरक्षा के नजरिये से बेहद ही खास दिन रहा है. आज से करीब 50 साल पहले 18 मई साल 1974 में भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण (Nuclear Tests) राजस्थान की पोखरण टेस्ट रेंज में किया था. इस परिक्षण के बाद भारत ने इसे शांतिपूर्ण उपयोग के लिए किया गया परमाणु परीक्षण करार देते हुए कहा कि वह इसका इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने के लिए नहीं करेगा. बता दें ये बुद्ध पूर्णिमा का था इसलिए इस ऑपरेशन को ‘स्माइलिंग बुद्धा’ (Operation Smiling Buddha) नाम दिया गया. इस ऑपरेशन को भारत के प्रमुख नाभकीय शोध संस्थान भाभा आणविक शोध केंद्र (BARC) के निदेशक राजा रमन्ना के पर्यवेक्षण में किया गया था. इस ऑपरेशन के पूरा होने के साथ इस परीक्षण से भारत, अमेरिका, सेवियत यूनियन, फ्रांस, और चीन के बाद सफलता पूर्वक परमाणु परीक्षण करने वाला छठा देश बन गया था.

इतिहास के दूसरे अंश में बात फीचर फिल्म’ श्री पुंडालिक’ की करेंगे. 18 मई साल 1912 ये वो दिन था जब भारत में फीचर फिल्म ‘श्री पुंडालिक’ को रिलीज किया गया था. जब भी बात पहली फीचर फिल्म की होती है तो मूक मूवी ‘श्री पुंडालिक’ का नाम सबसे पहले आता है. ये एक मराठी फिल्म थी जिसकी कुल अवधि 22 मिनट थी. दादासाहेब तोरने के निर्देशन में बनी श्री पुंडालिक को कोरोनेशन सिनेमैटोग्राफ में रिलीज किया गया था. सिनेमाघरों में ये फिल्म कुल 2 हफ्ते तक चली थी. भारतीय सिनेमा के इतिहास में ये फिल्म काफी विवादास्पद रही है. क्योंकि इस फिल्म को शूट करने वाले कैमरामैन एक ब्रिटिश थे. इसी वजह से श्री पुंडालिक को नहीं बल्कि कई लोग दादा साहेब फाल्के द्वारा निर्देशित फिल्म ‘राजा हरीशचंद्र’ को भारत की पहली फीचर फिल्म मानते हैं जो कि साल 1913 में रिलीज हुई थी.

इतिहास के तीसरे अंश में बात मशहूर अभिनेत्री रीमा लागू की करेंगे. आज उनकी पुण्यतिथि है. 18 मई साल 2017 में उनका निधन हुआ था. 21 जून 1958 को मुंबई में जन्मी रीमा लागू ने बचपन से ही अभिनय का स्वाद चख लिया था. ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी मां मंदाकिनी खदबड़े मशहूर मराठी अभिनेत्री थीं. फिर क्या था उम्र के साथ-साथ अभिनय के प्रति उनकी रूचि बढ़ने लगी और साल 1980 में उन्होंने हिंदी सिनेमा की दुनिया में कदम रखा. रीमा ने पहली बार 1988 में रिलीज हुई फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ में जूही चावला की मां का किरदार निभाया था. इसके बाद 1989 में फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ और 1991 में फिल्म ‘साजन’ में उन्होंने मां का किरदार निभा कर यह साबित कर दिया कि मॉडर्न जमाने की मां का किरदार उनसे बेहतर कोई नहीं निभा सकता. सूरज बड़जात्या की फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ और ‘हम आपके हैं कौन’ जैसी फिल्मों ने सीमा के फ़िल्मी करियर में चार चांद लगा दिए. ऐसा कहा जाता है कि रीमा ने अपनी मौत से चंद घंटो पहले तक शूटिंग की थी. शाम को वो घर आईं और आधी रात में उनके सीने में दर्द हुआ और अस्पताल में उनकी मौत हो गई.

देश-दुनिया में 18 मई का इतिहास
1900 – यूनाइटेड किंगडम टोंगा पर एक संरक्षित घोषणा की थी.

1917 – प्रथम विश्व युद्ध: 1917 का चुनिंदा सेवा अधिनियम पारित किया गया, जिससे संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने कंसक्रिप्शन की शक्ति दी थी.

1926 – वेनिस, कैलिफ़ोर्निया में प्रचारक एमेई सेम्पल मैकफेरसन गायब हो गए थे.

1927 – बाथ स्कूल आपदा: मिशिगन में एक असंतुष्ट स्कूल बोर्ड सदस्य द्वारा लगाए गए बमों द्वारा कई बच्चों सहित पचास लोगों की मौत हो गई थी.

1948 – चीन गणराज्य का पहला विधान युआन आधिकारिक तौर पर नानकिंग में आयोजित किया गया था.

1953 – जैकी कोचरन ध्वनि बाधा तोड़ने वाली पहली महिला बन गईं थी.

1965 – इजरायल के जासूस एली कोहेन को सीरिया के दमिश्क में फांसी दी गई थी.

1969 – अपोलो प्रोग्राम: अपोलो 10 लॉन्च किया गया था.

 

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