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गरियाबंद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मनाया गया विश्व उच्च रक्तचाप दिवस

गरियाबंद। हर साल 17 मई को पूरी दुनिया में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। दुनिया में आधे से ज़्यादा लोग इस बात से अनजान हैं कि उन्हें उच्च रक्तचाप है। उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर कहा गया है। यह दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण है। अतः आम जनता में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने तथा स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए विश्व उच्च रक्तचाप लीग ने 17 मई 2008 से विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इस वर्ष 2024 का इसका थीम है “अपने रक्तचाप को सही तरीके से मापें, नियंत्रित करें, नियंत्रित करें, जियें।” गरियाबंद जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा एनसीडी जिला नोडल डॉ. नरमी यदु पॉल के निर्देशानुसार। अधिकारी डी लक्ष्मीकांत जांगड़े के मार्गदर्शन में आज जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, आयुष्ना आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्रों तथा जिला अस्पतालों में बड़ी संख्या में उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह दिवस मनाया गया ताकि लोगों में जन जागरूकता पैदा की जा सके तथा रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की सलाह दी गई। गरियाबंद जिला मुख्यालय बस स्टैंड में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर डॉ. संतोष पटेल-चिकित्सा अधिकारी, नरेंद्र साहू-फार्मा, भूपेंद्र सिन्हा-एनसीडी परामर्शदाता, के. कृष्णू पर्यवेक्षक, बलवंत खरे स्टाफ नर्स एवं जिला अस्पताल की टीम द्वारा लगभग 126 लोगों का उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह की जांच की गई, जिसमें 26 उच्च रक्तचाप एवं 22 मधुमेह रोगियों को निःशुल्क दवाइयां दी गई तथा स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की सलाह दी गई। वार्ड के अटेंडेंट द्वारा रोगियों को स्कूल जाने के लिए भी प्रेरित किया गया।

उच्च रक्तचाप तब होता है जब शरीर की धमनियों की दीवारों में दबाव या रक्तचाप सामान्य सीमा से अधिक हो जाता है, जिसे उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन कहते हैं। खराब जीवनशैली, अस्वास्थ्यकर आहार, अनियमित दिनचर्या, तनाव एवं शारीरिक गतिविधियों की कमी हृदय रोग एवं उच्च रक्तचाप के प्राथमिक कारणों में से हैं। मधुमेह, मोटापा, नशीली दवाओं का सेवन एवं धूम्रपान भी उच्च रक्तचाप को बढ़ाने वाले प्रमुख कारक हैं। एक सामान्य मनुष्य का रक्तचाप 120/80 मिमी एचजी होता है। उच्च या निम्न रक्त आधान दोनों ही स्थितियां खतरनाक होती हैं। प्रसव से जुड़े जोखिमों से बचने के लिए गर्भवती माताओं को अपना रक्तचाप जांच कराना आवश्यक है। नियमित रूप से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपने स्वास्थ्य की जांच करवाकर तथा तनाव मुक्त आदर्श दिनचर्या एवं आदर्श खान-पान की आदतों के बारे में संबंधित चिकित्सक से जानकारी लेकर तथा जीवनशैली में बदलाव लाकर रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। उच्च रक्तचाप से बचने के उपाय पोटैशियम की मात्रा को बढ़ाना चाहिए।
0 शरीर के वजन को नियंत्रित करने के लिए नियमित व्यायाम करना चाहिए।
शराब एवं अल्कोहल से बचें।

० कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन सीमित करें। मानसिक तनाव से बचें, योगासन प्राणायाम करें।

० कम से कम 7 घंटे की नींद जरूरी है।

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