श्रीनगर। पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव और फिर संघर्षविराम… भारत-पाकिस्तान के बीच कई दिनों तक गोलीबारी का क्रम जारी रहा। इस बीच बीएसएफ ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जवानों के सम्मान में एक बड़ा एलान किया है।
बीएसएफ के आईजी जम्मू, शशांक आनंद ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ की महिलाकर्मियों ने अग्रिम ड्यूटी चौकियों पर लड़ाई लड़ी। हमारी बहादुर महिला कर्मियों, सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी ने एक अग्रिम चौकी की कमान संभाली, कॉन्स्टेबल मंजीत कौर, कॉन्स्टेबल मलकीत कौर, कॉन्स्टेबल ज्योति, कॉन्स्टेबल सम्पा और कॉन्स्टेबल स्वप्ना और अन्य ने इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ अग्रिम चौकियों पर लड़ाई लड़ी।
आईजी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा बीएसएफ चौकियों पर ड्रोन हमले और गोलाबारी में हमने बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज, कॉन्स्टेबल दीपक कुमार और भारतीय सेना के नायक सुनील कुमार को खो दिया। हम अपने दो पोस्ट (सांबा) का नाम अपने खोए हुए कर्मियों के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखते हैं और एक पोस्ट का नाम ‘सिंदूर’ रखने का प्रस्ताव रखते हैं।
पाकिस्तान ने भारत की चौकियों पर की गोलीबारी
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए बीएसएफ आईजी शशांक आनंद ने जम्मू फ्रंटियर पर जोर देकर कहा कि पाकिस्तानी पोस्ट ने भारत की चौकियों पर गोलीबारी की। हालांकि, इसके लिए वे पहले से ही तैयार थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नापाक हरकत का जवाब देने के लिए हमने सीमा पार से गोलीबारी के दौरान कई पाकिस्तानी चौकियों को भारी नुकसान पहुंचाया। इस बीच हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
शशांक आनंद ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत 9 और 10 मई की रात को बीएसएफ ने “लूनी” में लश्कर-ए-तैयबा के लॉन्चपैड पर जानबूझकर और योजनाबद्ध तरीके से हमला किया। यह अंतरराष्ट्रीय सीमा से सिर्फ 3 किलोमीटर दूर पाकिस्तान में स्थित है।
20 आतंकियों की मौजूदगी की मिली थी सूचना
सुंदरबनी के डीआईजी वीरेंद्र दत्ता ने बताया कि उन्हें लूनी इलाके में 18-20 आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जो सीमा पार से गोलीबारी का फायदा उठाकर घुसपैठ करने की योजना बना रहे थे।
आठ मई के बाद, हमें खुफिया जानकारी मिली कि लूनी में 18-20 आतंकवादी मौजूद हैं और उम्मीद थी कि वे सीमा पार से गोलीबारी का फायदा उठाकर घुसपैठ करने की कोशिश करेंगे।