हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि बेहद ही महत्वपूर्ण होती है. क्योंकि इस दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के साथ ही ज्येष्ठ सावित्री का भी व्रत रखा जाता है. पंचांग के अनुसार आज यानि 3 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव का पूजन किया जाता है. साथ ही स्नान-दान का भी विशेष महत्व माना गया है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करना शुभ होता है. आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और पूजा विधि.
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2023: शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि 2 जून को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 4 जून को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत आज यानि 3 जून को रखा जाएगा. लेकिन स्नान व दान के लिए 4 जून का दिन शुभ है. क्योंकि पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान सूर्योदय के दौरान किया जाता है. आज पूजा के लिए कई शुभ योग बन रहे हैं. सुबह 5 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. जबकि सुबह से लेकर दोपहर 2 बजकर 48 मिनट तक शिव योग बन रहा है.
चंद्रोदय का समय
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति व्रत रखता है वह शाम को चंद्रोदय के दौरान चंद्र देव का पूजन करने के बाद ही व्रत खोलता है. इस व्रत में चंद्र देव को जल अर्पित करना महत्वपूर्ण होता है. आज चंद्रोदय शाम को 6 बजकर 39 मिनट पर रहेगा.
ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और मंदिर स्वच्छ करें. इसके बाद हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करें. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है और व्रती दिन भर फलाहार करता है. इसके बाद रात्रि में चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. चंद्रमा को अर्घ्य देते समय दूध में थोड़ा सा शहद अवश्य मिलाना चाहिए. इससे भक्तों के रोग व दोष दूर होते हैं और हर मनोकामना पूरी होती है.