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दर्श अमावस्या आज : पितरों को याद करें वस्त्र दान, गंगा स्नान का भी है महत्व

हिंदू धर्म में मान्यता है कि दर्श अमावस्या के दिन पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने परिजनों का आशीर्वाद देते हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ अमावस्या तिथि 17 जून सुबह 9 बजे से हो रही है और यह तिथि 18 जून सुबह 10 बजे समाप्त होगी। ऐसे में दर्श अमावस्या 17 जून शनिवार को मनाई जाएगी। उदया तिथि के चलते आषाढ़ अमावस्या 18 जून को होगी। लग्न कुंडली के मुताबिक जिन जातकों के कुंडली में चंद्र कमजोर होता है।

उन्हें दर्श अमावस्या का व्रत रखना चाहिए और चंद्र देव की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति दर्श अमावस्या के दिन चंद्रमा के दर्शन करता है, उसके ज्ञान, धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में ही स्नान कर ले। अपने पितरों को याद करते हुए गरीब को सफेद वस्त्र का दान करें। इससे व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। परिवार में सुख-शांति का माहौल बना रहता है । अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है।

गंगा स्नान की स्थिति न बनने पर नहाने के पानी में गंगाजल मिलाएं। स्नान करने पर लाभ होगा। इसके साथ ही किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें।

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