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मणिपुर अब तक जल रहा है और भारत सरकार हाथ मल रहा है

इम्फाल/नई दिल्ली। देश का पूर्वोत्तर राज्य जिसे पूर्व की 7 बहनें भी कहा जाता है इनमें से एक मणिपुर पिछले 3 मई 2023 से जल रहा है, वहां कुकी और मैताई समुदाय के बीच चल रहे संघर्ष में अभी तक 100 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है और हजारों घायल हैं.मणिपुर में उपरोक्त दो समुदाय के करीब पचास हजार लोगों ने पड़ोसी राज्य मिजोरम में शरण ले रखी है, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन वीरेंद्र सिंह ने मिजोरम के मुख्यमंत्री से उन्हें मदद करते रहने का अनुरोध किया है.

मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है वहां भाजपा विधायक और राज्य के मंत्री सहित केंद्रीय मंत्री भी सुरक्षित नहीं है, उनके निवास और उनके व्यवसायिक संस्थानों को आग लगाई जा रही है, केंद्रीय मंत्री ने तो यहां तक कहा कि राज्य सरकार असफल हो चुकी है जबकि वहां भाजपा की सरकार है.

18 मई 2023 देश के प्रधानमंत्री की मन की बात कार्यक्रम पर, काफी लोगों ने मणिपुर में विरोध किया और विरोध स्वरूप रेडियो ट्रांजिस्टर तोड़ डाला।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संरक्षण मांगने और मणिपुर के बारे में चर्चा करने के लिए भाजपा के 12 विधायक मणिपुर से नई दिल्ली पहुंच चुके हैं, प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा गया है समय मिलते ही वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी और प्रदेशवासियों की पीड़ा से अवगत कराएंगे.

देश के एक पूर्व थल सेना अध्यक्ष ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मणिपुर पर विशेष ध्यान देने का अनुरोध किया है.21 जून 2023 को देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री यूनाइटेड स्टेट अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं विदेश जाने के पहले संभावना है कि मणिपुर के भाजपा विधायकों से उनकी भेंट हो सकती है.

3 मई 2023 से भड़का दंगा आज और अभी तक शांत नहीं हो पाया है केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी वहां 4 दिन के दौरे पर जाकर विभिन्न समुदाय और संगठनों से चर्चा कर चुके हैं लेकिन कोई परिणाम सामने नहीं आया है.देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का मणिपुर के मामले में अभी तक कोई भी बयान सामने नहीं आया है इसकी मणिपुर में आम जनता के बीच जबरदस्त चर्चा हो रही है.

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