हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। हर वर्ष 12 शिवरात्रि होती हैं लेकिन सावन की शिवरात्रि को बेहद ही खास माना जाता है। वैसे तो हर साल सावन में एक शिवरात्रि मनाते हैं लेकिन मलमास और अधिक मास होने की वजह से इस बार यह पर्व 2 बार मनाया जाएगा। जो व्यक्ति हर शिवरात्रि व्रत नहीं रख सकता, उसे सावन शिवरात्रि का व्रत जरूर रखना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को साल भर की शिवरात्रि का पुण्य एक साथ मिल जाता है। जो व्रत रखने में असमर्थ हों उन्हें जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करके भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहिए।
सावन माह की पहली शिवरात्रि: श्रावण माह की पहली शिवरात्रि 15 जुलाई 2023 शनिवार के दिन मनाई जाएगी। 15 जुलाई की रात 11:21 बजे से पूजा का शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा और देर रात 12:04 तक चलेगा।
सावन माह की दूसरी शिवरात्रि: श्रावण माह की दूसरी शिवरात्रि 14 अगस्त को मनाई जाएगी। इस पर्व की खास बात यह कि इस दिन सोमवार भी है और इस वजह से यह दिन बाकि दिनों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाएगा। इसका मतलब भक्त एक उपवास रख कर 2 व्रत का फल एक साथ पा सकते हैं।
क्यों है सावन शिवरात्रि खास
महाशिवरात्रि के अलावा सावन की शिवरात्रि को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस समय भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं तो उनके बाद देवों के देव महादेव सृष्टि के संचालन का उत्तरदायित्व संभालते हैं। इस वजह से इसे बहुत ही शुभ और खास माना जाता है। इस दिन विधि पूर्वक शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और अगर इस दिन पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जाए फिर तो सोने पर सुहागा। ऐसा करने से महादेव अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।