बुधवार का दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है। इस दिन विधि विधान से मुरली मनोहर संग राधा रानी की पूजा की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण की लीला अपरंपार है। उनकी कृपा से साधक को पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख, संकट और कष्ट दूर हो जाते हैं। आज भगवान श्रीकृष्ण के प्रिय दिवस पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध होंगे।
आज का पंचांग (Panchang 26 June 2024)
शुभ मुहूर्त
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि रात 08 बजकर 55 मिनट तक है। इसके बाद षष्ठी तिथि शुरू हो जाएगी। साधक अपनी सुविधा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण संग गणेश जी की पूजा कर सकते हैं।
शुभ योग
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन 27 जून को देर रात 03 बजकर 21 मिनट पर होगा। इसके बाद आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है। प्रीति योग दिन भर है। साथ ही रात्रि में प्रीति योग ब्रह्म मुहूर्त तक है। ज्योतिष प्रीति योग को शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ मानते हैं। इन योग में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
करण योग
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी पर कौलव, तैतिल और गर करण का निर्माण हो रहा है। ये तीनों करण शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से शुभ कार्यों में निश्चित ही सिद्धि प्राप्त होगी। वहीं, दोपहर 01 बजकर 05 मिनट के बाद शतभिषा नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। शतभिषा नक्षत्र शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 25 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 23 मिनट पर
चन्द्रोदय- देर रात 11 बजकर 04 मिनट पर
चंद्रास्त- सुबह 09 बजकर 37 मिनट पर (27 जून)
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 05 मिनट से 04 बजकर 45 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 22 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल – दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से दोपहर 02 बजकर 09 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 10 बजकर 39 मिनट से दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक
दिशा शूल – उत्तर
ताराबल
भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुंभ