Close

“राष्ट्रीय शिक्षा नीति”का सतत मूल्यांकन व विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास मूल मंत्र :प्रो. गिरीशकांत

० विप्र कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
रायपुर। विप्र कला ,वाणिज्य एवं शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय तथा महन्त लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय के आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला” छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुगम क्रियान्वयन और संवेदीकरण “विषय पर आयोजित हुआ ।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि प्रो. गिरीश कांत पांडेय ,पूर्व कुल सचिव पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सतत मूल्यांकन के साथ विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास के मूल मंत्र पर आधारित है। विद्यार्थी इसमें अपने मूल विषय के साथ रुचि के अनुसार अन्य दूसरे संकाय का विषय भी पढ़ सकता है ।नैतिक व आध्यात्मिक शिक्षा के साथ कौशल विकास के द्वारा स्वरोजगार के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया जाना राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रमुख उद्देश्य है। प्रो. पाण्डेय ने कहा प्राध्यापकों को भी इस प्रकार के कार्यशालाओं के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए खुद को तैयार करना होगा।

विप्र कॉलेज में आयोजित कार्यशाला में कीनोट स्पीकर प्रो. प्रीति के सुरेश (संचालक मालवीय मिशन ट्रेंनिंग सेंटर पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर) ने बताया कि इस नीति में सतत मूल्यांकन का प्रावधान है, जिससे विद्यार्थियों के मानसिक ऊर्जा के साथ बौद्धिक क्षमता में भी वृद्धि होगी ।बहुविषयक प्रणाली पर आधारित यह नीति विद्यार्थियों को उनकी इच्छा अनुसार दूसरे संकाय के विषयों का अध्ययन करने की स्वतंत्रता देता है।उन्होंने कहा पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान पद्धति के समावेश के साथ शारीरिक शिक्षा, नैतिक शिक्षा जैसे अन्य विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। सेमेस्टर आधारित पाठ्यक्रम होने के कारण विद्यार्थियों को परीक्षा का तनाव नहीं होगा ।

इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए विप्र कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मेघेश तिवारी ने बताया कि वर्तमान सत्र से छत्तीसगढ़ के महाविद्यालय में लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर महाविद्यालय के शिक्षकों से चर्चा करके शिक्षा नीति के उद्देश्यों के अनुसार विद्यार्थियों के लिए महाविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण को अनुकूल बनाना कार्यशाला का उद्देश्य है। महन्त कॉलेज के प्राचार्य डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को वर्तमान समय की आवश्यकता बताया। भारत को विकसित देश की श्रेणी में लाने में यह शिक्षा नीति कारगर होगी। इसके पूर्व विप्र कॉलेज आइक्यूएसी के संयोजक डॉ. दिव्या शर्मा ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। संचालन निधि श्री शुक्ल ने किया। इस अवसर पर विप्र कॉलेज और महन्त कॉलेज के समस्त प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित थे।

scroll to top