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क्या आप जानते हैं कब और कैसे चढ़ाते हैं पूजा में नारियल

श्रीफल अर्थात नारियल की पूजा करना न सिर्फ शुभ बल्कि लाभकारी भी माना जाता है। घर में नारियल रखना भी उत्तम होता है। मान्यता है कि घर में नारियल रखने और नारियल की पूजा करने से मां लक्ष्मी का वास स्थापित होता है और उनकी कृपा बनी रहती है। मन्नत पूरी करते समय भी नारियल भगवान को अर्पित किया जाता है। हालांकि नारियल चढ़ाने के कुछ नियम और एक समय होता है।

धार्मिक कार्यों में नारियल का महत्व
० पूजा-पाठ से लेकर शुभ-मांगलिक कार्यों जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, तीज-त्योहार आदि में नारियल की पूजा करना महत्वपूर्ण माना गया है।
० साप्ताहिक व्रत आदि के दौरान भी नारियल भगवान को अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि और संपन्नता का वास स्थापित होता है।
० मन्नत पुरी होने के बाद या किसी विशेष उद्देश्य से की गई पूजा के बाद भी नारियल फोड़कर भगवान के आगे चढ़ाया जाता है।
० हालांकि हिन्दू धर्म में नारियल फोड़कर चढ़ाना कुछ स्थितियों में गलत माना गया है। हर देवी-देवता के आगे नारियल फोड़ना नहीं चाहिए।

कब चढ़ाएं भगवान को नारियल
० शास्त्रों के अनुसार, जब घर में कोई शुभ काम होता है खासतौर पर विवाह तब नारियल की पूजा कर उसे भगवान को चढ़ाना चाहिए।
० विवाह के उपलक्ष में भगवान को चढ़ाए जाने वाले नारियल को भूल से भी फोड़ना नहीं चाहिए। यह बहुत अशुभ माना जाता है।
० इसके अलावा, जब मन्नत पुरी होती है तब भी नारियल फोड़ना नहीं चाहिए बल्कि साबुत नारियल ही भगवान को चढ़ाना चाहिए।
० गृह प्रवेश में भी नारियल की पूजा कर उसे घर के मंदिर (मंदिर जाने के लाभ) या तिजोरी में रखना चाहिए। पूजा का नारियल फोड़ना घर पर संकट लाता है।
० हालांकि किसी दूसरे नारियल को फोड़कर आप गृह प्रवेश कर सकते हैं। नए वाहन की पूजा में भी नारियल फोड़ा जा सकता है।

किस भगवान को कैसे चढ़ाएं नारियल
० मां लक्ष्मी को हमेशा साबुत नारियल फूल और फल के साथ चढ़ाना चाहिए। भगवान को गीला खोल वाला नारियल भी चढ़ा सकते हैं।
० भगवान शिव और उनके किसी भी रूप को नारियल नहीं चढ़ाना चाहिए। जटा वाला नारियल सात्विक पूजा में नहीं बल्कि तामसिक पूजा में चढ़ाते हैं।
० वहीं, जटा वाला नारियल आप एक मात्र हनुमान जी को चढ़ा सकते हैं। अन्य किसी देवी-देवता को नहीं विशेष तौर पर विष्णु जी को।

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