माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा की जाती है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 3 जुलाई यानी आज प्रदोष व्रत है। बुधवार के दिन पड़ने के चलते यह बुध प्रदोष कहलाएगा। इस अवसर पर व्रती स्नान-ध्यान कर विधि-विधान से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा कर रहे हैं। साथ ही उनके निमित्त व्रत रख रहे हैं। आज भगवान शिव के प्रिय दिवस पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
आज का पंचांग (Panchang 03 July 2024)
शुभ मुहूर्त
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 03 जुलाई को सुबह 07 बजकर 10 मिनट से शुरू होगी। वहीं, समापन 04 जुलाई को सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर होगा। प्रदोष काल में भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा की जाती है। अतः 03 जुलाई को बुध प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। प्रदोष व्रत पर भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा करने का सही समय संध्याकाल 07 बजकर 17 मिनट से 09 बजकर 23 मिनट तक है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
बुध प्रदोष व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग दिन भर है। ज्योतिष शास्त्र में सर्वार्थ सिद्धि योग को शुभ माना जाता है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाएंगे। साथ ही दुख, कष्ट और संकट भी दूर होंगे।
शिववास योग
बुध प्रदोष व्रत पर दुर्लभ शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन भगवान शिव सुबह 07 बजकर 10 मिनट तक नंदी पर सवार रहेंगे। इसके बाद भगवान शिव भोजन अवकाश में रहेगें। भगवान शिव के नंदी पर विराजमान होने के समय महादेव का जलाभिषेक करने से साधक को हर कार्य में सफलता मिलती है।
करण
बुध प्रदोष व्रत पर गर करण का निर्माण हो रहा है। गर करण का योग संध्याकाल 06 बजकर 29 मिनट तक है। ज्योतिष गर करण को पूजा और शुभ कार्य के लिए शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 28 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 23 मिनट पर
चन्द्रोदय- सुबह 03 बजकर 28 मिनट पर
चंद्रास्त- शाम 05 बजकर 13 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 07 मिनट से 04 बजकर 47 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 22 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल – दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से दोपहर 02 बजकर 13 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 10 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक
दिशा शूल – उत्तर
ताराबल
अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद
चन्द्रबल
मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुंभ