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सावन व्रत रखने के ये 5 मूल नियम हर शिव भक्त को पता होने चाहिए, पहली बार व्रत रखने वाले जरूर जानें

सावन का महीना भगवान शिव के साथ उनके भक्तों के लिए भी बहुत विशेष माना जाता है। सावन के महीने में भगवान शिव और पार्वती की पूजा करने से विशेष कृपा मिलती है। इस वर्ष 2024 में 22 जुलाई को सावन का महीना शुरू हो रहा है। इस बार सावन व्रत को इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि सावन की शुरुआत सोमवार से हो रही है। वहीं, सावन का समापन 19 अगस्त को हो रहा है। इस दिन भी सोमवार है। आप भी अगर सावन का व्रत पहली बार रखने जा रहे हैं, तो आपको कुछ नियमों का ध्यान रखना चाहिए। आइए, जानते हैं सावन व्रत के नियम।

0 पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव की परिक्रमा न करें। भगवान शिव की परिक्रमा नहीं की जाती है। शिवलिंग या महादेव की प्रतिमा किसी की भी परिक्रमा करना वर्जित माना जाता है। इसके अलावा शिवलिंग पर जो जल चढ़ाया जाता है, वो अगर बहकर नीचे आता है, तो उसे पार नहीं करना चाहिए।

 

0 भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं, तो उन्हें शंख से जल अर्पित न करें। साथ ही शिव की पूजा में तुलसी के पत्ते, सिंदूर न चढ़ाएं। भगवान शिव को सिंदूर नहीं चढ़ाया जाता है बल्कि उन्हें चंदन का तिलक लगाया जाता है। वहीं, शिव की कृपा पाने के लिए उन्हें पीतल के लोटे से ही जल चढ़ाएं।

0 सोमवार या सावन के व्रत में महादेव को बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है लेकिन सोमवार के दिन बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए। आप अगर सोमवार को व्रत रख रहे हैं, तो सोमवार से एक दिन पहले यानी रविवार को बेलपत्र तोड़कर रख लें। सोमवार के दिन कभी भी बेलपत्र न तोड़ें।

0 भगवान शिव को सावन के व्रत के दौरान जल और दूध अर्पित किया जाता है लेकिन याद रखें कि भगवान शिव को स्टील या तांबे के लोटे से जल अर्पित नहीं करना चाहिए।

0 भगवान शिव को हमेशा पीतल के लोटे से ही जल अर्पित करना चाहिए। इससे महादेव प्रसन्न होते हैं।

0 आप अगर सावन का व्रत रख रहे हैं, तो व्रत के दौरान दूध का सेवन न करें। सावन में भगवान शिव को दूध अर्पित किया जाता है। इससे चंद्र दोष भी दूर होते हैं और मानसिक शांति मिलती है लेकिन दूध का सेवन नहीं किया जाता है। खासतौर पर व्रत वाले दिन दूध न पिएं।

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