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आज का पंचांग 17 जुलाई : देवशयनी एकादशी पर शुक्ल योग समेत बन रहे हैं ये 5 संयोग, पढ़ें दैनिक पंचांग

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 17 जुलाई यानी आज देवशयनी एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस अवसर पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जा रही है। साथ ही उनके निमित्त व्रत-उपवास भी रखा जा रहा है। ज्योतिषियों की मानें तो देवशयनी एकादशी पर कई मंगलकारी शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।

आज का पंचांग (Panchang 17 July 2024)
शुभ मुहूर्त
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शाम 09 बजकर 02 मिनट तक है। इसके बाद द्वादशी तिथि शुरू होगी। साधक अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी समय स्नान-ध्यान के बाद लक्ष्मी नारायण जी की पूजा कर सकते हैं।

शुभ एवं शुक्ल योग
ज्योतिषियों की मानें तो देवशयनी एकादशी पर शुभ और शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। शुभ योग सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है। इसके बाद शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है, जो पूर्ण रात्रि तक है। इस योग का समापन 18 जुलाई को सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर होगा।

अमृत सिद्धि योग
ज्योतिषियों की मानें तो देवशयनी एकादशी पर अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इन दोनों योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 34 मिनट से हो रहा है और समापन 18 जुलाई को देर रात 03 बजकर 13 मिनट पर होगा। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

भद्रावास योग
ज्योतिषियों की मानें तो देवशयनी एकादशी पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भद्रावास योग सुबह 08 बजकर 54 मिनट से लेकर संध्याकाल 09 बजकर 02 मिनट तक है। इस दौरान भद्रा स्वर्ग लोक में रहेंगी। भद्रा के स्वर्ग लोक में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित समस्त जीवों का कल्याण होता है। इस दिन शिववास योग का निर्माण भद्रावास योग के बाद हो रहा है।

पंचांग
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 15 मिनट पर

चन्द्रोदय- दोपहर 03 बजकर 38 मिनट पर

चंद्रास्त- देर रात 02 बजकर 26 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 09 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 47 मिनट से 03 बजकर 41 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 14 मिनट से 07 बजकर 35 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक

अशुभ समय
राहु काल – दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से दोपहर 02 बजकर 14 मिनट तक

गुलिक काल – सुबह 10 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक

दिशा शूल – उत्तर

ताराबल
अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल
वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुंभ

 

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