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मत्सयखेट प्रतिबंध के बाद भी बाजार में खुलेआम बिक रही है मछली, मत्सय विभाग बना मुकदर्शक

गरियाबंद । जिले में 15 जून से 15 अगस्त तक मत्सयखेट प्रतिबंध होने के बावजूद जिले के हाट बाजारों में खुलेआम प्रतिदिन कई क्विंटल मछली बिक रहा है। यहां पर शासन प्रशासन के आदेश का धज्जियां उड़ाते देखा जा सकता है लेकिन जिला मुख्यालय पर बैठे मत्सय विभाग के अधिकारी कर्मचारी मुकदर्शक बनें हुऐ हैं।
सुत्रो से जानकारी मिला की जिलें के विभिन्न बांधों से मत्सयखेट किया जा रहा है और बाजारों में मत्सयखेट किए मछली को बेचा जा रहा है। वहीं मत्स्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी कभी भी बाजारों का निरीक्षण नहीं करते मात्र मुकदर्शक बनें हुऐ हैं।

कलेक्टर ने मत्सय विभाग को बकायदा आदेश जारी किया है कि 15 जून से 15 अगस्त तक जिले में मत्सयखेट प्रतिबंध रहेगा यदि कोई बांधों से मत्सयखेट करते पाया गया या बाजारों में बांधों से मत्सयखेट कर मछली बिक्री करते हैं तो कार्रवाई किया जाए । लेकिन मत्सय विभाग कलेक्टर के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है इसी के चलते जिला में खुलेआम प्रतिदिन हाट बाजारों में बड़ी बड़ी मछलियों का बिक्री हो रहा है।

मात्र बड़ी बड़ी बाते करते हैं मत्स्य विभाग के अधिकारी धरातल में कुछ और

मछलीपालन विभाग द्वारा 15 अगस्त तक बंद ऋतु घोषित कर मत्स्याखेट पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है। इस आदेश का जिले में पूर्णतः पालन सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देशानुसार मत्स्याखेट पर लागू प्रतिबंध अवधि की निगरानी की जा रही है। मत्स्याखेट पर लागू प्रतिबंध अवधि में मत्स्य पालन विभाग द्वारा सक्रिय होकर लगातार चेकिंग भी की जा रही है। सहायक संचालक मछलीपालन विभाग आलोक वशिष्ट ने बताया कि बंद ऋतु मछलियों के प्रजनन का काल होता है। इस अवधि में मछली की संख्याओं में बढ़ोतरी होती है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के नदियों – नालों तथा छोटी नदियों, सहायक नदियों में जिन सिंचाई के तालाब, जलाशय (बड़े या छोटे) जो निर्मित किये गये है, में किये जा रहे केज कल्चर के अतिरिक्त सभी प्रकार का मत्स्याखेट 15 अगस्त तक पूर्णतः निषिद्ध किया गया है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर एक वर्ष का कारावास अथवा 10 हजार रूपये का जुर्माना अथवा दोनों एक साथ होने का प्रावधान है। उक्त नियम केवल छोटे तालाब या अन्य जल स्त्रोत जिनका संबंध किसी नदी नाले से नहीं है के अतिरिक्त जलाशयों में किये जा रहे केज कल्चर में लागू नहीं होंगे।

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