रायपुर। पांच साल तक त्रिपुरा, झारखण्ड और महाराष्ट्र के राज्यपाल रहने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश बैस शुक्रवार दो अगस्त को अपने जन्मदिन पर ताकत दिखाई। पार्षद से राजनीति की सीढ़ी चढ़ते रायपुर से सात बार के सांसद रहे रमेश बैस केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल के पद पर रहे। रमेश बैस ने आज अपना 77 वां जन्मदिन जिस जोशीले अंदाज से मनाया , उससे लग रहा है कि वे फिर सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाले हैं। चर्चा चल पड़ी है कि वे रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ सकते हैं। 77 साल की उम्र में रमेश बैस चुस्त-दुरुस्त हैं। आज जन्मदिन पर उन्हें बधाई देने वालों में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय , विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन पवन साय मंत्री समेत कई मंत्री और विधायक शामिल थे। रमेश बैस को बधाई देने वालों का सिलसिला सुबह 10 बजे से ही शुरू हो गया था और देर रात तक चलता रहा। रायपुर शहर जिला द्वारा जिला भाजपा अध्यक्ष जयंती पटेल के नेतृत्व में रमेश बैस को गजमाला पहनाया गया। कई कांग्रेसी नेताओं ने भी रमेश बैस को उनके निवास पर जाकर बधाई दी।
2 अगस्त 1948 को एक किसान परिवार में जन्मे रमेश बैस राजनीति में लगातार आगे बढ़ते रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी टिकट नहीं मिलने के बाद शांत रहे और अनुशासन बनाए रखा। इसका ईनाम राज्यपाल के रूप में मिला। भले उन्हें पहले त्रिपुरा जैसे छोटे राज्य का गवर्नर बनाया गया। बाद में झारखण्ड भेजा गया और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य के गवर्नर से रिटायर हुए। रमेश बैस की पहचान राज्य में ओबीसी नेता के तौर पर है। रमेश बैस रायपुर संसदीय सीट से श्यामाचरण शुक्ल और विद्याचरण शुक्ल जैसे कद्दावर नेताओं को पराजित करने में कामयाब रहे हैं। आमतौर पर उम्रदराज नेता गवर्नर जैसे पदों से रिटायर होने के बाद अपने को एक दायरे में बांध लेते हैं , लेकिन रमेश बैस के आज के प्रदर्शन से लग रहा है कि वे सक्रिय राजनीति में कदम रखेंगे और छत्तीसगढ़ में एक केंद्र बिंदु रहेंगे।