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आज का पंचांग 14 अगस्त : सावन के अंतिम बुधवार पर इंद्र योग समेत बन रहे हैं 7 संयोग, पढ़ें दैनिक पंचांग

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 14 अगस्त यानी आज सावन माह का अंतिम बुधवार है। यह दिन भगवान गणेश के अनुज पुत्र भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर शिव परिवार की विशेष पूजा की जा रही है। मंदिरों में विशेष पूजा-आरती का आयोजन किया जा रहा है। पंडित हर्षित शर्मा जी की मानें तो सावन माह के अंतिम बुधवार पर दुर्लभ इंद्र योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं।

आज का पंचांग (Panchang 14 August 2024)
शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि आज 14 अगस्त को सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक है। इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। साधक अपनी सुविधा के अनुसार दिन में किसी समय शिव परिवार की पूजा कर सकते हैं।

इंद्र योग
सावन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इंद्र योग शाम 04 बजकर 06 मिनट तक है। ज्योतिष इंद्र योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही कौलव, तैतिल और गर करण का भी निर्माण हो रहा है। वहीं, अनुराधा और ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है।

शिव योग
सावन के अंतिम बुधवार पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक है। अतः साधक 10 बजे तक भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं। इस दौरान भगवान शिव को अभिषेक करने से घर में सुख-समृद्धि एवं खुशहाली आती है। साथ ही साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

पंचांग
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 50 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 01 मिनट पर

चन्द्रोदय- दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर

चंद्रास्त- देर रात 12 बजकर 44 मिनट पर ( 15 अगस्त)

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 23 मिनट से 05 बजकर 07 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 37 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 01 मिनट से 07 बजकर 23 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक

अशुभ समय
राहु काल – दोपहर 12 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 04 मिनट तक

गुलिक काल – दोपहर 10 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 25 मिनट तक

दिशा शूल – उत्तर

ताराबल
अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल
वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ

 

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