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राहुल गांधी को पीछे बिठाना भाजपा के कुत्सिक मानसिकता का परिचय – नितिन पोटाई

कांकेर। देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर नई दिल्ली के लाल किले में आयोजित कार्यक्रम में देश के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पीछे के पांचवी पंक्ति में बिठाये जाने पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता नितिन पोटाई ने घटना की निदां की है तथा इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि लीडर ऑफ अपोजिशन को पांचवी पंक्ति में बिठाना पीएम की संर्कीणता और लोकतांत्रिक परंपराओं के प्रति सम्मान की कमी और उनके कुत्सिक मानसिकता को दर्शाता है जिसकी जितनी भी निंदा की जाय वह कम है।
कांर्ग्रेस नेता नितिन पोटाई ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का पद प्रोटोकॉल के अनुसार देश में सातवें स्थान पर आता है उनका दर्जा केबिनेट मंत्री के बराबर होता है । विपक्ष के नेता लोकलेखा, सार्वजनिक उपक्रम और अनुमान समिति सहित अनेक महत्वपूर्ण समितियों का सदस्य होता है, वे विभिन्न संयुक्त संसदीय पैनलो में भाग लेते है तथा प्रवर्तन निदेशालाय (ईडी) और केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसे केन्द्रीय एजेंसियों के प्रमुखों के साथ-साथ केन्द्रीय सर्तकता आयोग, (सीवीसी) और केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) जैसे वैधानिक निकायों के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार चयन समितियों में कार्य करते है। देश में प्रधानमंत्री के बाद नेता प्रतिपक्ष का स्थान होता है। इस पद पर जो भी व्यक्ति होता है वो संसद में सिर्फ विपक्ष की आवाज ही नहीं होता बल्कि उसके कई विशेषाधिकार और शक्तियां भी होती है। जिस तरह से उक्त राष्ट्रीय कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को ओलांपिक खिलाड़ियों के बाद पांचवी पंक्ति में सीट दी गई थी यह प्रोटोकाल के अनुरूप नहीं था जबकि उन्हें विपक्ष के नेता के तौर पर आगे के पंक्ति में बिठाया जाना था। भाजपा नेताओं का यह कहना है कि स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में राहुल गांधी को पिछली पंक्ति में इसलिए बिठाया गया था ताकि ओलपिंक खेलों में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को आगे बिठाकर उन्हें सम्मान देना चाहती थी इस पर श्री पोटाई ने कहा कि ओलपिंक खेलों में पदक पाने वालो का बिलकुल सम्मान होना चाहिए लेकिन राहुल गांधी को भी पीछे क्यों बिठाया गया । यदि ऐसी बात थी तो गृहमंत्री अमितशाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा क्यों आगे बैठे थे खिलाड़ियों को सम्मान देने के लिए वे भी पीछे के पंक्ति में आकर बैठते । श्री पोटाई ने कहा कि इस घटना ने यह साबित कर दिया कि भाजपा कांग्रेस और गांधी परिवार को बार बार अपमानित करना चाहती है लेकिन देश की जनता सब देख रही है।
श्री पोटाई ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के नेता प्रतिपक्ष को पीछे की सीट मेें बिठाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न सिर्फ 233 संसदों के प्रतिनिधियों का अपमान किया है बल्कि लोकतंत्र के मर्यादाओं का भी तारतार किया है। यही नहीं भाजपा ने राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़के के लिए भी पीछे की सीट निर्धारित किया था यद्यपि वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाये। यह पहला अवसर नहीं है इसके पूर्व भी भाजपा ने अपने इस तरह के हरकतों से लोकतंत्र का मजाक उड़ाया है। छत्तीसगढ़ में भी भाजपा सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को ध्वजारोहण करने से रोका है। जबकि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा विपक्ष को सम्मान देने का कार्य किया है।  श्री पोटाई ने कहा कि जब यूपीए सत्ता में थी तो बीजेपी के नेताओं को प्रथम अथवा दूसरे पंक्ति में बिठाया जाता था।
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