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दक्षिण भारत का प्रमुख त्यौहार ओणम : जानिए कब है ओणम? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

दक्षिण भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक माना जाता है ओणम। ओणम को मुख्य रूप से प्रीतिभोज और नाच-गान के पर्व के रूप में जाना जाता है। केरल में इसका महत्व सर्वाधिक है। आइये जानते हैं ओणम की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से।

ओणम 2023 तिथि (Onam 2023 Tithi)
मलयालम कैलेंडर के अनुसार, चिंगम महीने में श्रावण या थिरुवोणम नक्षत्र में ओणम मनाई जाती है।
थिरुवोणम नक्षत्र आरंभ: 28 अगस्त, दिन सोमवार (सोमवार को न खरीदें ये चीजें), रात 2 बजकर 43 मिनट
थिरुवोणम नक्षत्र समापन: 29 अगस्त, दिन मंगलवार, रात 11 बजकर 50 मिनट
ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, ओणम 29 अगस्त को मनाया जाएगा।

ओणम 2023 शुभ मुहूर्त (Onam Puja Shubh Muhurat 2023)
ओणम का पूजा मुहूर्त: सुबह 7 बजकर 21 मिनट से 10 बजकर 51 मिनट

ओणम 2023 महत्व (Onam Puja ka Mahatav)

० ओणम पर्व दस दिन तक मनाया जाता है। इस दिन राजा बलि पाताल से प्रजा को आशीर्वाद देने आते हैं।
० साथ ही, यह भी माना जाता है कि इन्हीं दस दिनों के दौरान भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के छल) ने वामन अवतार लिया था।
० इस पर्व में फूलों का बहुत महत्व माना गया है। इस पर्व के लिए फूल सिर्फ पुरुषों द्वारा ही लाये जाते हैं।
० जबकि महिलाओं द्वारा फूलों को पुष्प कालीन में जोड़ा जाता है। फूलों से ही रंगोली बनाने का विधान है।
० मान्यता है कि ओणम की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल बनता है।
जो भी दंपत्ति जोड़ा ओणम की पूजा साथ में करते हैं उनके जीवन में हमेशा मधुरता बनी रहती है।
० यहां तक कि परिवार के साथ ओणम पूजा करने से भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है।
० रीति के अनुसार, इस दस दिवसीय पर्व में केले और पापड़ का नाश्ता करना खास माना जाता है।
० राजा बलि को भगवान विष्णु ने वामन अवतार में दर्शन दिए थे और आज भी वह उनके साथ हैं।
० मान्यता है कि ओणम की पूजा करने से भगवान विष्णु हर कार्य में साथ देते हैं और रक्षा करते हैं।

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