NH-30 रायपुर – बस्तर मार्ग मे धमतरी से लगभग 35 किलोमीटर व राजधानी रायपुर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ओना कोना गाँव जहा है ओना कोना मंदिर I यह मंदिर कला का नायाब नमूना हैI छत्तीसगढ़ के एक कोने में बसा है यह भव्य मंदिर, कहते है के ये गंगरेल का आखरी छोर भी है I यह मंदिर बलोद के गुरूर विकास खंड के अंतर्गत आता है, यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर । ओना कोना मंदिर आने वाले समय में सबसे खूबसूरत पिकनिक स्पॉट व पर्यटन स्थल में सामिल होगी । ओनाकोना को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए जिला प्रशासन काफी मेहनत कर रही है।
ओना कोना मंदिर किसने बनवाया ( इतिहास ) :
इस मंदिर को धमतरी के एक व्यवसायी तीरथ राज फुटान के द्वारा बनवाया जा रहा है। यह मंदिर ज्यादा पुराना नही है इस मंदिर को हाल ही में बनवाया गया है और अभी भी इस मंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है। इसके अलावा इस मंदिर के आस पास एक मजार व भगवान श्री राम की छोटी सी मंदिर भी है। ओना कोना गंगरेल बांध का एक छोर होने के अलावा यह गंगरेल का डुबन क्षेत्र है इसलिए मंदिर के आस पास यहा पुरे वर्ष भर पानी रहता है | यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, यही कारण है के इसे ताम्रकेश्वर मंदिर भी कहते है । यहा की मूर्तिकला बहुत ज्यादा खूबसूरत है।
ओना कोना का आसपास कैसा है ( ओना कोना का भूगोल ) :
ओनाकोना जैसा कि नाम से स्पष्ट है की यह बालोद जिले के गुरुर विकासखंड के कोने में महानदी के तट पे स्थित है जहां पर गंगरेल बांध का डुबान क्षेत्र है यह गांव एक पहाड़ के नीचे स्थित है यहां आने के लिए उबड़ खाबड़ रास्तो को पार करना पड़ता है वैसे तो यह जगह प्राकृतिक रूप से काफी ज्यादा खूबसूरत है गंगरेल बांध का डुबान क्षेत्र होने की वजह से यह जगह और भी ज्यादा खूबसूरत लगता है यहां स्थानीय मछुआरों द्वारा बोटिंग की सुविधा भी आने वाले लोगों को दी जाती है, हाल ही में कुछ वर्षों से यह स्थान यहां निर्मित हो रहे भव्य मंदिर के लिए काफी चर्चा में है जिसे धमतरी के किसी व्यवसायी द्वारा बनाया जा रहा है,
मंदिर नासिक स्थित श्री त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग धाम की तरह बनाया जा रहा है :
मंदिर के संस्थापक तीरथराज फुटान की माने तो यह मंदिर महाराष्ट्र के नासिक में स्थित श्री त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग धाम की तरह बनाया जा रहा है। जैसा नजारा नासिक में दिखाई देता है वैसा ही निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है। मंदिर निर्माण का उद्देश्य यही है कि गरीब परिवार जो आर्थिक स्थिति से कमजोर होने के कारण नासिक तीर्थ यात्रा पर नहीं जा पाते, वे यहां ओनाकोना आकर दर्शन का लाभ ले सकते है।
सूफी संत ने की थी तपस्या :
गांव वालों के अनुसार यहां पर काफी साल पहले सूफी संत ( बाबा फरीद ) आए थे उन्होंने यहां बैठ कर तपस्या की थी तब से यहां पर एक धुनी जलाई गई है, जो कि आज भी निरंतर गांव वालों के सहयोग से जल ही रही है कहते हैं यहां पर आने वाले और उनके मानने वाले लोगों की मुरादें पूरी होती है यहां पर एक मजार का भी निर्माण किया गया है जो की मंदिर के पास में ही लगा हुआ है
ओना कोना कैसे पहुंचे :
सड़क मार्ग – ओना कोना तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क आपको आसानी से मिल जायेगी जिससे आप अपने वाहनों के माध्यम से पहुंच सकते हैं। यह धमतरी जिले से लगभग 30 किलोमीटर व राजधानी रायपुर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |
रेल मार्ग – ओना कोना से सबसे निकतम रेलवे स्टेशन है, धमतरी रेलवे स्टेशन जिसकी दुरी लगभग 30 किलोमीटर है
हवाई मार्ग – ओना कोना से सबसे निकटतम हवाई अड्डा है रायपुर हवाई अड्डा जिसकी दूरी लगभग 110 किलोमीटर है