वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार 29 अगस्त यानी आज अजा एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर प्रातः काल से जगत के पालनहार भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जा रही है। इसके साथ ही साधक भगवान विष्णु के निमित्त एकादशी का व्रत रख रहे हैं। अजा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग समेत कई मंगलकारी अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। आइए आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-
अजा एकादशी शुभ मुहूर्त (Aja Ekadashi Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का समापन 30 अगस्त को देर रात 01 बजकर 37 मिनट पर होगा। साधक 29 अगस्त यानी आज अजा एकादशी का व्रत रखेंगे। वहीं, पारण 30 अगस्त को सुबह 07 बजकर 49 मिनट से लेकर 08 बजकर 40 मिनट के मध्य कर सकते हैं।
सिद्धि योग
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन संध्याकाल 06 बजकर 18 मिनट पर होगा। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होगी। वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग संध्याकाल 04 बजकर 39 मिनट से शुरू होगा। इस योग का समापन 30 अगस्त को सुबह 05 बजकर 58 मिनट पर होगा।
शिववास योग
अजा एकादशी पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग 30 अगस्त को रात 01 बजकर 37 मिनट तक है। इस दौरान भगवान शिव कैलाश पर मां पार्वती के साथ विराजमान रहेंगे। इस समय में भगवान शिव का अभिषेक करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
करण योग
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर बव और बालव करण का निर्माण हो रहा है। बव करण का संयोग दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक है। वहीं, बालव करण का संयोग 30 अगस्त को देर रात 01 बजकर 30 मिनट तक है। इस दिन आर्द्रा नक्षत्र का संयोग शाम 04 बजकर 39 मिनट तक है। इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र का संयोग है।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 47 मिनट पर
चन्द्रोदय- देर रात 02 बजकर 29 मिनट पर (30 अगस्त)
चंद्रास्त- दोपहर 03 बजकर 49 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 37 मिनट से 05 बजकर 23 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से 03 बजकर 25 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 47 मिनट से 07 बजकर 10 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल – दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 03 बजकर 34 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 09 बजकर 10 मिनट से 10 बजकर 46 मिनट तक
दिशा शूल – दक्षिण
ताराबल
अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद
चन्द्रबल
मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर