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आज का पंचांग 2 सितंबर : सोमवती अमावस्या पर शिव योग समेत बन रहे हैं 5 अद्भुत संयोग, पढ़ें दैनिक पंचांग

वैदिक पंचांग के अनुसार, सोमवार 2 सितंबर यानी आज भाद्रपद अमावस्या है। सोमवार के दिन पड़ने के चलते यह सोमवती अमावस्या कहलाएगी। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। साथ ही देवों के देव महादेव की पूजा कर रहे हैं। सोमवती अमावस्या पर पितरों का भी तपर्ण किया जाता है। पंडित हर्षित शर्मा जी की मानें तो आज सोमवती अमावस्या पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। आइए आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

आज का पंचांग (Panchang 02 September 2024)
सोमवती अमावस्या शुभ मुहूर्त (Somvati Amavasya Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की सोमवती अमावस्या तिथि आज सुबह 05 बजकर 21 मिनट पर शुरू हुई है। इस तिथि का समापन 03 सितंबर को सुबह 07 बजकर 24 मिनट पर होगा।

शिव योग (Shiv Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद अमावस्या पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। शिव योग संध्याकाल 06 बजकर 20 मिनट तक है। इसके बाद सिद्धि योग का संयोग है। ज्योतिष शिव और सिद्धि योग को बेहद शुभ मानते हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

सिद्धि योग (Siddhi Yog)
सोमवती अमावस्या पर सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 06 बजकर 21 मिनट से हो रहा है। वहीं, समापन 03 सितंबर को संध्याकाल 07 बजकर 05 मिनट पर होगा। ज्योतिष मंगल कार्य करने के लिए सिद्धि योग को शुभ मानते हैं। इस योग में महादेव की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर होंगे।

शिववास योग (Shiv Vaas Yog)
सोमवती अमावस्या पर शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव कैलाश पर्वत पर जगत की देवी मां गौरी के साथ रहेंगे। इस दौरान शिव-शक्ति की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त एवं गोधूलि मुहूर्त का भी शुभ संयोग है।

पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजे…

सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 41 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 15 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 27 मिनट से 03 बजकर 18 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 41 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक

अशुभ समय
राहु काल – सुबह 07 बजकर 35 मिनट से 09 बजकर 10 मिनट तक

गुलिक काल – दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 03 बजकर 31 मिनट तक

दिशा शूल – पूर्व

ताराबल
अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल
मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुंभ, मीन

 

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