गणेश उत्सव को लेकर देशभर में धूमधाम से तैयारी जारी हैं। भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी गणेश चतुर्थी से गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाती है। इस बार गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को है। इस दिन घर में गणेशजी की मूर्ति की स्थापना की जाएगी। बता दें कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश का अवतरण हुआ था। इसलिए हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की स्थापना के दौरान आपको कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी पर घर पर गणेशजी की स्थापना कैसे करें और कि मंत्रों का जप करें।
इस समय गणेशजी की स्थापना करना रहेगा शुभ
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन गणेशजी का मध्याहन में जन्म हुआ था। इसलिए गणेश जी की मूर्ति की स्थापना भी मध्याहनव्यापिनी तिथि में ही किया जाता है। मध्याहनव्यापिनी मतलब दोपहर के समय में गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करें। इससे पहले जहां भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करनी है। इस जगह की अच्छे से साफ सफाई जरुर करें लें और इसके बाद वहां पर गंगाजल जरूर छिड़कें। माना जाता है कि ऐसा करने से देवी देवताओं का घर में वास होता है।
गणेश जी की आंखों पर बांधे लाल कपड़ा
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके भगवान गणेश जी की मूर्ति लेकर आएं। उनका स्वागत खूब गाजे बाजे के साथ करें और उनकी आंखों में लाल कपड़ा जरुर बांध दें। इसके बाद उनका स्वागत करें। घर में प्रवेश करते समय पुष्प की वर्षा करें और गणेशजी का जयकारे लगाते रहें।
गणेश जी को अर्पित करें चावल और पुष्प
गणेश चतुर्थी का व्रत रखने के लिए हाथ में थोड़ा चावल और पुष्प लेकर ‘मम सर्वकर्मसिद्धये सिद्धिविनायकपूजनमहं करिष्ये’ मंत्र का जप करके संकल्प लें। बता दें कि इस दिन कई लोग व्रत रखते हैं। जबकि कुछ लोग गणेशजी की मूर्ति की स्थापना तक उपवास रखते हैं। भगवान गणेश जी की मूर्ति के साथ कलश की स्थापना पूर्व दिशा में जरूर करें।
मूर्ति स्थापना से पहले करें ये काम
भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना के लिए जहां मंडप बना हो वहां पर स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद पुष्प और चावल की स्वास्तिक पर वर्षा करें। फिर भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करें। इस बात का ख्याल रखें की भगवान गणेश जी की मूर्ति उत्तर दिशा में होनी चाहिए। भगवान गणेश का वास उत्तर दिशा में ही माना जाता है।
इस मंत्र का जप करके करें प्रसाद का वितरण
इसके बाद भगवान गणेश की स्थापना करके पुष्प से पूजन करें और भगवान गणेश के सभी नामों का जप करें। फिर, भगवान को धूप, दीप आदि अर्पित करें और पूजन करें। अंत में घी का दीपक जलाकर भगवान गणेश की आरती करें और विघ्नानि नाशायान्तु सर्वाणि सुरनायक। कार्य में सिद्धिमायातु पूजिते त्वयि धातरि।। इस मंत्र का जप करें इसके बाद भगवान को घी से बने 21 मोदक का भोग लगाकर सभी लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
गणेश चतुर्थी पर पहने इस रंग के वस्त्र
भगवान गणेश को लाल रंग अति प्रिय है। इसलिए इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहने साथ ही भगवान गणेशजी को भी लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। साथ ही लाल रंग के फूलों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें।
गणेश चतुर्थी के दिन महिलाएं जरूर करें ये काम सौभाग्य में होगी वृद्धि
भविष्य पुराण के अनुसार, गणेश चतुर्थी को शिवा चतुर्थी भी कहा जाता है। इसलिए इस दिन भगवान शिव का भी स्मरण करना चाहिए। इस दिन यदि सुहागिन महिलाएं गुड़, घी, मालपुआ शक्कर आदि चीजें यदि आपने सास ससुर और या मां को दें। ऐसे करने से महिलाओं को सौभाग्य में वृद्धि होती है।