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आज का पंचांग 4 सितंबर : दशकों बाद गणेश चतुर्थी से पहले बन रहा अद्भुत संयोग, पढ़ें दैनिक पंचांग

वैदिक पंचांग के अनुसार, बुधवार 4 सितंबर यानी आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा एवं द्वितीया तिथि है। बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से गणपति बप्पा की पूजा कर रहे हैं। भगवान गणेश की पूजा करने से आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर साध्य योग समेत कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होगी। आइए आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

आज का पंचांग (Panchang 04 September 2024)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि सुबह 09 बजकर 46 मिनट तक है। इसके बाद द्वितीया तिथि शुरू होगी। द्वितीया तिथि 05 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी।

साध्य योग (Siddhi Yog)
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर साध्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 08 बजकर 03 मिनट तक हो रहा है। ज्योतिष मंगल कार्य करने के लिए साध्य योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर होंगे। इसके बाद शुभ योग का निर्माण हो रहा है। वहीं, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। करण की बात करें तो बव, बालव और कौलव करण के योग बन रहे हैं।

शिववास योग (Shiv Vaas Yog)
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। आज देवों के देव महादेव कैलाश पर्वत पर जगत की देवी मां गौरी के साथ रहेंगे। इस शुभ अवसर पर शिव परिवार की पूजा करने और भगवान शिव का अभिषेक करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है।

पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 01 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 39 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 30 मिनट से 05 बजकर 15 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 26 मिनट से 03 बजकर 17 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 39 मिनट से 07 बजकर 02 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक

अशुभ समय
राहु काल – दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से 01 बजकर 55 मिनट तक

गुलिक काल – सुबह 10 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 20 मिनट तक

दिशा शूल – उत्तर

ताराबल
भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल
मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुम्भ, मीन

 

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