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आज का पंचांग 5 सितंबर : गुरुवार व्रत पर शिववास योग समेत बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग, पढ़ें पंचांग

वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार 05 सितंबर यानी आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया एवं तृतीया तिथि है। गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु संग देवगुरु बृहस्पति की पूजा-अर्चना की जा रही है। साथ ही मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए महिलाएं गुरुवार का व्रत रख रही हैं। इस व्रत को करने से व्रती की हर मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर शुभ योग समेत कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

आज का पंचांग (Panchang 04 September 2024)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक है। इसके बाद तृतीया तिथि शुरू होगी। तृतीया तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी।

शुभ योग (Siddhi Yog)
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 09 बजकर 08 मिनट तक हो रहा है। ज्योतिष मंगल कार्य करने के लिए शुभ योग को श्रेष्ठ मानते हैं। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके बाद शुक्ल योग का संयोग बन रहा है। वहीं, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग सुबह 06 बजकर 14 मिनट तक है। इसके बाद हस्त नक्षत्र का संयोग बन रहा है। करण की बात करें तो कौलव और तैतिल करण के योग बन रहे हैं।

शिववास योग (Shiv Vaas Yog)
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। आज देवों के देव महादेव कैलाश पर्वत पर जगत की देवी मां गौरी के साथ दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक रहेंगे। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा करने और भगवान शिव का अभिषेक करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है।

पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 01 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 38 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 30 मिनट से 05 बजकर 16 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 25 मिनट से 03 बजकर 16 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 38 मिनट से 07 बजे तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक

अशुभ समय
राहु काल – दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से 03 बजकर 29 मिनट तक

गुलिक काल – सुबह 09 बजकर 10 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट तक

दिशा शूल – दक्षिण

ताराबल
भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल
मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन

 

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