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अदाणी फाउंडेशन ने महिलाओं को दिया मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण

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० प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से 14 ग्रामों की 100 महिलाएं मशरूम उत्पादन में दक्ष होकर बनेंगी आत्मनिर्भर



रायगढ़। अदाणी पॉवर लिमिटेड की सीएसआर इकाई अदाणी फाउंडेशन द्वारा ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मशरूम उत्पादन पर निःशुल्क 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ 25 अगस्त 2025 को ग्राम पंचायत कलमा, जिला सक्ती में किया गया। यह कार्यक्रम एसबीआई आरएसईटीआई (रूरल सेल्फ एम्प्लॉयमेंट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण के लिए प्रतिभागियों का चयन विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से किया गया। इसके अंतर्गत एसएचजी बैठकों का आयोजन, ग्राम संगठन की सहभागिता तथा डोर-टू-डोर सर्वे किया गया। प्राप्त आवेदनों के आधार पर 14 परिधीय ग्रामों की 100 महिलाओं को प्रशिक्षण के लिए चुना गया।

प्रशिक्षण के दौरान मशरूम की खेती की आधुनिक तकनीक, पोषण संबंधी लाभ, बाजार में बढ़ती माँग, उत्पादन से जुड़े विभिन्न पहलुओं, जैसे अचार, बड़ी, पापड़ निर्माण, ब्रांडिंग और मार्केटिंग रणनीति पर विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। प्रशिक्षण उपरांत प्रत्येक प्रतिभागी को प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा और निरंतर मॉनिटरिंग की जाएगी।

प्रशिक्षण के बाद प्रतिभागियों को स्टार्टअप किट के रूप में मशरूम सीड, पॉलिथीन और रस्सी आदि सामग्रियों का सहयोग प्रदान किया जाएगा। साथ ही, मशरूम उत्पादन हेतु बैंक के माध्यम से कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस पहल के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, जिनमें चयनित महिलाओं की संख्या, प्रशिक्षण पूरा करने वाले प्रतिभागियों का प्रतिशत, प्रशिक्षण उपरांत स्टार्टअप यूनिट स्थापित करने वाली महिलाओं की संख्या, उनकी औसत आय वृद्धि और बैंक ऋण सुविधा का लाभ लेने वाली महिलाओं का प्रतिशत शामिल है।

कार्यक्रम का शुभारंभ सरपंच श्रीमती ममता चौहान, उपसरपंच राजेश गोस्वामी, पंचायत प्रतिनिधियों (पीआरआई), स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं तथा आरएसईटीआई-एसबीआई के श्री लक्ष्मी नारायण (डायरेक्टर), श्री अरुण पाण्डेय, किशन कुमार एवं अदाणी फाउंडेशन की प्रतिनिधि की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।

इस अवसर पर श्री लक्ष्मी नारायण ने कहा, “फाउंडेशन द्वारा किया गया यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है, जिसके माध्यम से आस-पास की महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार से जुड़ने का अवसर मिलेगा। इससे न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।”

मशरूम की स्थानीय स्तर पर उच्च माँग होने के कारण उत्पादन के तुरंत बाद बिक्री हो जाती है। अतिरिक्त मशरूम को पटेलपाली मंडी में थोक में बेचा जाता है। प्रशिक्षण उपरांत जो भी प्रतिभागी सराहनीय कार्य करती हैं, उनकी सफलता की कहानियाँ भी साझा की जाती हैं, ताकि अन्य महिलाएँ प्रेरित हो सकें।

अदाणी फाउंडेशन का यह प्रयास ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा।