आज लगेगा सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण , इस दौरान भूल से भी न करें ये काम, जानें सूतक काल और ग्रहण का समय

आज सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण लगने वाला है। हिंदू पंचांग और ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को विशेष महत्व दिया गया है। मान्यता है कि ग्रहण काल का असर न केवल प्रकृति बल्कि मानव जीवन पर भी पड़ता है। इस वजह से चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ खास काम करना शुभ माना जाता है और कुछ कार्यों से सख्ती से बचना चाहिए।
सितंबर 2025 में पड़ने वाला चंद्र ग्रहण खगोलीय घटना होने के साथ-साथ आस्था से जुड़ा अवसर भी है। यह ग्रहण भारत समेत कई देशों में दिखाई देगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, भोजन और जल को ढक दिया जाता है ताकि ग्रहण के दुष्प्रभाव उनसे दूर रहें।
चंद्र ग्रहण 2025 में कब लगेगा?
इस वर्ष 7 सितंबर 2025 को साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण भारत समेत एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, फिजी और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।
यह ग्रहण रात 9:58 मिनट से शुरू होगा और समापन देर रात 1:26 मिनट पर ग्रहण की समाप्ति होगी। खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। चंद्र ग्रहण की शुरुआत से लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल लगता है। सूतक काल 7 सितंबर की दोपहर 12:59 मिनट से शुरू हो जाएगा,
ज्योतिषियों के मुताबिक चंद्र ग्रहण की शुरुआत से लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल लगता है। इसलिए 7 सितंबर को दोपहर 12: 59 मिनट से सूतक काल शुरू होगा। इसके प्रारंभ से लेकर ग्रहण के समापन तक ध्यान और मंत्र जाप करना चाहिए। यह बेहद शुभ होता है। इसके अलावा आप भगवान की मूर्तियों को स्पर्श और यात्राएं न करें। इससे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा जिसकी कुल अवधि लगभग 3 घंटे 30 मिनट की रहेगी।
चंद्र ग्रहण में क्या करें?
0 ग्रहण काल में भगवान का स्मरण और मंत्र जाप करें। चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान का ध्यान लगाना चाहिए। जब ग्रहण लगे तो भगवान के मंत्रों का जाप करें या पूजा करें। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, ग्रहण के दौरान नकारात्मकता काफी बढ़ जाती है। ऐसे में नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए भगवान का नाम जपना चाहिए।
0 खाने में तुलसी के पत्ते रखें। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान पके हुए भोजन में तुलसी के पत्ते रख देने चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, तुलसी के पत्ते रखने से खाना अशुद्ध नहीं होता और इसका बाद में सेवन किया जा सकता है।
0 ग्रहण के दौरान ध्यान और साधना करना बेहद लाभकारी होता है। वहीं ग्रहण के बाद स्नान करें और दान-पुण्य अवश्य करें।
चंद्र ग्रहण और सूतक काल में क्या न करें?
० ग्रहण काल में सोना नहीं चाहिए।
० इस अवधि में बाल या नाखून भी नहीं काटना चाहिए। इस दौरान अपवित्र काम करना अशुभ माना जाता है।
० जब चंद्र ग्रहण पड़ रहा हो तो भोजन पकाना और खाना दोनों वर्जित माना जाता है। ग्रहण में रसोई का कोई काम नहीं करना चाहिए।
० इस दौरान भगवान का स्मरण और नाम जाप करना चाहिए लेकिन पूजा-पाठ और भगवान की मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए।
कोई भी खरीदारी ग्रहण में न करें।
० शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए।
० गर्भवती महिलाओं को ग्रहण देखने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाएं बाहर जाने की भूल न करें।
० आसमान को नहीं देखना चाहिए।
० सुई से जुड़ा कोई भी काम न करे।
ग्रहण का ज्यादा प्रभाव किस पर?
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। गर्भवती को घर के अंदर रहना चाहिए। धारदार चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए और ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए। बुजुर्गों और बच्चों को भी इस दौरान कुछ सावधानी बरतनी चाहिए।