रवि भोई की कलम से
कहते हैं छत्तीसगढ़ के दो भाजपा सांसद इन दिनों कुछ मंत्रियों और भाजपा के पदाधिकारियों के रवैये से बड़े नाराज चल रहे हैं। चर्चा है कि पांच साल के वनवास के बाद भाजपा को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाने वाले अब सांसद हैं। भाजपा हाईकमान ने नेताजी को कांग्रेस के एक कद्दावर नेता के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़वाया था, पर वे हार गए, लेकिन बाद में सांसदी का चुनाव जीत गए। केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह के लिए उनका नाम चर्चा में आया था, पर बात बनी नहीं। खबर है कि अब वक्त ऐसा आ गया है कि उनकी पार्टी के मंत्री ही उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। कहा जा रहा है कि कामकाज तो दूर, एक मंत्री ने उनका फोन उठाना बंद कर दिया।इससे सांसद जी में उबाल आ गया है। सांसद जी के गुस्से को कांग्रेस ने लपक लिया है। खबर है कि एक सांसद जी गुस्से में पार्टी के कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलन छोड़कर चले गए। कहते हैं सांसद जी दीप प्रज्ज्वलन के लिए मोमबत्ती लेकर काफी देर तक खड़े रहे, उन्हें कनिष्ठ लोगों ने मौका नहीं दिया तो उनका पारा चढ़ गया। खबर है कि पहले उद्घाटन और शिलान्यास की पट्टिकाओं में मंत्रियों के नाम सांसदों के बाद लिखने की परंपरा थी। अब उलट हो चला है। सांसदों के लाल-पीला होने का एक कारण इसे भी बताया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के 10 लोकसभा सांसद हैं। अब दो सांसदों का गुस्सा क्या रंग लाता है,देखते हैं ?
एक तीर से दो शिकार
चर्चा है कि 1994 बैच के आईपीएस हिमांशु गुप्ता को डीजी जेल और सुधारात्मक सेवाएं बनाकर गृह विभाग ने एक तीर से दो शिकार कर दिया है। बताते हैं इस आदेश से हिमांशु गुप्ता पुलिस मुख्यालय से बाहर हो गए और संविदा वाले डीजी जेल राजेश मिश्रा के पर कट गए। राजेश मिश्रा अब राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला के संचालक ही रह गए हैं। वैसे भी राजेश मिश्रा की संविदा अवधि चार महीने शेष रह गई है। डीजी जेल बनाए जाने से हिमांशु गुप्ता का पीएचक्यू से नाता टूट गया। अब तक वे पीएचक्यू में प्रशासन का काम देख रहे थे। हिमांशु गुप्ता के डीजी जेल बनने से पीएचक्यू में डीजी स्तर के अशोक जुनेजा ही रह गए हैं। सरकार ने कुछ महीने पहले ही दो आईपीएस अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता को विशेष पुलिस महानिदेशक बनाया था। दोनों डीजीपी की दौड़ में थे,पर कार्यकाल खत्म होने के बाद डीजीपी अशोक जुनेजा को छह माह की सेवावृद्धि मिल जाने से उन्हें अवसर नहीं मिल पाया। डीजीपी के दोनों दावेदारों को सरकार ने अभी पुलिस मुख्यालय से बाहर ही रखा है। अरुण देव गौतम डीजी होमगार्ड हैं।
जनता की दर्द भरी दास्ताँ
छत्तीसगढ़ में एक ऐसा लोकसभा क्षेत्र है, जहां 2019 से 2024 तक ऐसे व्यक्ति सांसद रहे, जिन्होंने भजन-कीर्तन में अपना समय बिताया और कहते हैं अब इस लोकसभा क्षेत्र की जनता को ऐसे प्रतिनिधि मिले हैं, जो नींबू काटने में समय काट रहे हैं। क्षेत्र की समस्याओं की जगह जनप्रतिनिधि के टाइम पास से जनता दुखी होने लगी है। कहते है इस लोकसभा क्षेत्र के सांसद ने अब तक न तो संसद में कोई भाषण दिया है और न ही कोई सवाल किया है। यहां तक कि क्षेत्र की समस्या को लेकर किसी मंत्री से भेंट-मुलाक़ात की है। वहीं पड़ोस के सांसद ने रेलवे की समस्या को लेकर मंत्री से मुलाक़ात कर चुके है। पड़ोस के सांसद की सक्रियता देखकर लोग अपने सांसद की उनसे तुलना करने लगे हैं। इस संसदीय क्षेत्र में चार जिले आते हैं। वैसे भी सांसद महोदय कुछ सौ वोटों के अंतर से ही जीते हैं और चुनाव परिणाम आयोग की निगरानी में है।
अमित कटारिया गए छुट्टी पर
कहते हैं 2004 बैच के आईएएस अमित कटारिया भारत सरकार से प्रतिनियुक्ति से लौटकर छत्तीसगढ़ मंत्रालय में ज्वाइनिंग दे दी, लेकिन दो महीने के अवकाश पर चले गए हैं। अमित कटारिया लंबे समय से भारत सरकार में काम करने के बाद पिछले हफ्ते ही छत्तीसगढ़ लौटे। बताते हैं वे दिल्ली में ही रहना चाहते हैं, इस कारण मंत्रालय में ज्वाइनिंग देकर छुट्टी पर चले गए। माना जा रहा है अमित कटारिया दिल्ली में छत्तीसगढ़ के प्रमुख आवासीय आयुक्त बनने की कोशिश कर सकते हैं। खबर है कि यह पद अभी खाली है।
रजत कुमार की पोस्टिंग का इंतजार
2005 बैच के आईएएस रजत कुमार भारत सरकार से प्रतिनियुक्ति से लौटकर छत्तीसगढ़ मंत्रालय में ज्वाइनिंग दे दी है। अब उन्हें पोस्टिंग का इंतजार है। माना जा रहा है 12 और 13 सितंबर को कलेक्टर -एसपी कांफ्रेंस के बाद कुछ अफसरों की पोस्टिंग में हेरफेर होगी। विष्णुदेव साय की सरकार में 2005 बैच के डायरेक्ट आईएएस अफसरों को अच्छे विभाग मिले हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि रजत कुमार को भी अच्छा विभाग मिलेगा। 2005 बैच के आईएएस मुकेश बंसल के पास अभी सामान्य प्रशासन के साथ वित्त और आर संगीता के पास आवास एवं पर्यावरण के साथ आबकारी विभाग भी है। इस बैच के आईएएस एस प्रकाश परिवहन आयुक्त एवं सचिव हैं, तो राजेश टोप्पो जल संसाधन विभाग के सचिव हैं। यह अलग बात है कि 2005 बैच के प्रमोटी आईएएस नीलम एक्का बिलासपुर के कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद अभी पोस्टिंग के इंतजार में हैं और टोपेश्वर वर्मा राजस्व मंडल में सचिव हैं।
अगले महीने आएंगे रोहित यादव
कहा जा रहा है कि 2002 बैच के आईएएस डॉ रोहित यादव अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते में छत्तीसगढ़ वापसी कर सकते हैं। डॉ रोहित यादव अभी प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव हैं। राज्य में विष्णुदेव साय की सरकार आने के बाद अब तक ऋचा शर्मा, अविनाश चंपावत, सोनमणि बोरा, मुकेश बंसल,अमित कटारिया और रजत कुमार केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ वापसी कर चुके हैं। अब छत्तीसगढ़ से केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले अफसरों का भी इंतजार हो रहा है। 2002 से लेकर 2007 तक कुछ आईएएस अफसर भारत सरकार में इम्पैनल हो चुके हैं। केंद्र सरकार से वापसी के कारण छत्तीसगढ़ में आईएएस अफसरों की भीड़ महसूस की जाने लगी है।
पीडब्ल्यूडी के आला अफसरों के प्रमोशन पर छाया कोहरा
कहते हैं राज्य में लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंताओं को मुख्य अभियंता बनाने के मुद्दे पर कोहरा छा गया है। एसई से सीई के प्रमोशन के लिए 16 अगस्त को पीएससी ने डीपीसी की थी। बताते हैं अब तक डीपीसी की कार्यवाही विवरण बाहर नहीं आया है। इस बीच पांच साल के सीआर की जगह चार साल के सीआर का मूल्यांकन कर एसई से सीई बनाने का मुद्दा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट पहुंच गया। डीपीसी की कार्यवाही का विवरण सार्वजनिक न होने और प्रमोशन आदेश जारी न होने के कारण याचिका कोर्ट में नहीं टिकी, पर कोर्ट ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा(पदोन्नति) नियम 2003 के अनुसार पांच साल के सीआर के आधार पर प्रमोशन को माना। अब देखते हैं आगे क्या होता है ?
नगरीय निकाय चुनाव तक रहेंगे दीपक बैज ?
चर्चा है कि नगरीय निकाय चुनाव तक दीपक बैज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने रहेंगे। नगरीय निकाय चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस हाईकमान कोई फैसला करेगा। दीपक बैज के नेतृत्व में विधानसभा और लोकसभा का चुनाव कांग्रेस यहाँ लड़ चुकी है। दोनों चुनाव में उसे मात खानी पड़ी और नुकसान उठाना पड़ा। अब देखते हैं नगरीय निकाय चुनाव में क्या होता है? कांग्रेस हाईकमान अभी हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में जुट गई है। इसके बाद महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव आ जाएगा। दोनों राज्यों का चुनाव निपटने के बाद छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव का ढोल बजने की संभावना है।
साय सरकार पर हमलावर हुए महंत
नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत राज्य की विष्णुदेव साय सरकार पर हमलावर हुए हैं। महंत ने धान खरीदी में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेस कानून-व्यवस्था पर सरकार को अब तक घेरती रही है। इस मुद्दे पर विधानसभा का घेराव भी किया था। अब कांग्रेस ने धान के मुद्दे को उछाला है। छत्तीसगढ़ में धान बड़ा चुनावी मुद्दा रहा है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल धान के सहारे विधानसभा चुनाव जीतने की कोशिश की थी। इसमें भाजपा ने बाजी जीत ली। अब उसी धान पर कांग्रेस ने भाजपा को घेरने की रणनीति बनाई है। अब देखते हैं क्या होता है ?
(लेखक पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)
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