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बारिश से बस्तर बनी आफत, नदी नाले उफान पर, छत्तीसगढ़ का ओडिशा-आंध्र और तेलंगाना से संपर्क कटा

जगदलपुर। पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश से बस्तर संभाग में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी-नालों के उफान पर आने से दक्षिण बस्तर का पड़ोसी राज्यों ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र से सोमवार रात से ही सड़क संपर्क बाधित है। बीजापुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 63 और 163 तथा सुकमा जिले से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-30 बाधित है। सैकड़ों वाहन मार्ग में फंस गए हैं।

बारिश का असर सड़क मार्ग पर ही नहीं रेलमार्ग पर भी पड़ा है। किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन किरंदुल रेलखंड में भांसी-बचेली के बीच पेड़ के उखड़कर रेलमार्ग पर गिरने से सोमवार सुबह 5.30 से 10.30 बजे तक पांच घंटे बाधित रहा।

भारी बारिश की संभावना को देखते हुए रेलवे द्वारा पहले ही दक्षिण बस्तर के किरंदुल तक जाने वाली दोनों यात्री ट्रेनों किरंदुल-विशाखापत्तनम नाइट एक्सप्रेस और पैसेंजर स्पेशल को 11 सितंबर तक दंतेवाड़ा में रद करने का निर्णय लिया जा चुका है।

सुकमा जिले के छिंदगढ़ विकासखंड में चक्का बुक्का नदी में बाढ़ से चिंतलनार गांव में पानी घुस गया है। यहां दो दर्जन से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।

मौसम विभाग से जारी बुलेटिन के अनुसार बस्तर संभाग के चार जिलों सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर में औसत से अधिक बारिश रिकार्ड की जा चुकी है। कांकेर, कोंडागांव और बस्तर में औसत बारिश दर्ज की गई है।

दंतेवाड़ा में जन जीवन अस्त-व्यस्त
लगातार हो रही बारिश से दक्षिण बस्तर में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा में नगर के बीच डंकनी नदी का पुराना पुल डूब गया। इस पुल के ऊपर करीब 3 फीट पानी बह रहा है। वहीं बैलाडीला व सुकमा को जोड़ने वाली सड़क पर भी पातररास व कुम्हाररास के बीच पुल के ऊपर से पानी बहने से मार्ग बाधित हो गया है। दंतेवाड़ा-कटेकल्याण मार्ग पर डुमाम नदी का गाटम पुल भी डूबा हुआ है। डंकनी नदी के बैक वाटर से बालपेट व बालूद गांव के निचले इलाकों में पानी भर आया है। जगह-जगह सड़क मार्ग बाधित होने से बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं। ज्यादातर यात्री बसें स्टैंड में ही खड़ी कर दी गई हैं। बारसूर-चित्रकोट मार्ग, सुकमा-दंतेवाड़ा मार्ग पर बस सेवाएं ठप हैं।

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