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आज का पंचांग 11 सितंबर : राधा अष्टमी पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 6 अद्भुत संयोग, पढ़ें दैनिक पंचांग

वैदिक पंचांग के अनुसार, आज बुधवार 11 सितंबर को राधा अष्टमी है। यह पर्व हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में बांके बिहारी कृष्ण कन्हैया और राधा रानी की विशेष पूजा की जा रही है। भक्तजन अपने घरों पर राधा रानी संग बांके बिहारी की पूजा कर रहे हैं। साथ ही उनके निमित्त राधा अष्टमी का व्रत रख रहे हैं। राधा अष्टमी (Radha Ashtami 2024) पर प्रीति योग समेत कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान कृष्ण संग राधा रानी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

आज का पंचांग (Panchang 11 September 2024)
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि आज देर रात 11 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर राधा अष्टमी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर राधा रानी संग भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है।

प्रीति योग (Radha Ashtami Shubh Yog)

राधा अष्टमी पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। ज्योतिष प्रीति योग को शुभ मानते हैं। इस योग में राधा रानी की पूजा-उपासना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। इस समय में शुभ कार्य भी कर सकते हैं।

आयुष्मान योग
राधा अष्टमी पर आयुष्मान योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण देर रात 11 बजकर 56 मिनट से हो रहा है। ज्योतिष आयुष्मान योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान कृष्ण संग राधा रानी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर रवि योग का निर्माण रात 09 बजकर 22 मिनट से हो रहा है।

भद्रावास योग
राधा अष्टमी पर दुर्लभ भद्रावास योग का संयोग बन रहा है। इस योग का समापन 11 बजकर 35 मिनट पर होगा। इस दौरान भद्रा स्वर्ग में रहेंगी। भद्रा के स्वर्ग में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित समस्त जीवों का कल्याण होता है। इस योग में राधा रानी संग भगवान श्रीकृष्ण करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। इस शुभ अवसर पर बव करण का संयोग देर रात 11 बजकर 46 मिनट तक है।

पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 04 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 31 मिनट पर

चन्द्रोदय- दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर

चंद्रास्त- रात 11 बजकर 26 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 18 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से 03 बजकर 12 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 31 मिनट से 06 बजकर 54 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक

अशुभ समय
राहु काल – दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से 01 बजकर 51 मिनट तक

गुलिक काल – सुबह 10 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 17 मिनट तक

दिशा शूल – उत्तर

ताराबल
अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल
वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ

 

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